भुज/अहमदाबाद: गुजरात का कच्छ जिला शुक्रवार को एक बार फिर भूकंप के झटकों से कांप उठा। रिक्टर स्केल पर 4.4 की तीव्रता वाले इस भूकंप ने स्थानीय निवासियों के बीच भारी दहशत पैदा कर दी। हालांकि, राहत की बात यह रही कि अभी तक जान-माल के किसी भी बड़े नुकसान की कोई आधिकारिक खबर सामने नहीं आई है।
भूकंप का समय और केंद्र
गांधीनगर स्थित भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (ISR) के अनुसार, भूकंप के झटके दोपहर के समय महसूस किए गए। इसका केंद्र (Epicenter) कच्छ जिले के भचाऊ (Bhachau) के पास जमीन के भीतर गहराई में दर्ज किया गया। झटके इतने तेज थे कि भुज, गांधीधाम और आसपास के कस्बों में लोगों ने अपनी खिड़कियां और घरेलू सामान हिलते हुए महसूस किए।
दहशत का माहौल
भूकंप आते ही ऊंची इमारतों और दफ्तरों में काम कर रहे लोग तुरंत बाहर सुरक्षित स्थानों और खुले मैदानों की ओर दौड़ पड़े। स्थानीय निवासियों ने बताया कि झटके कुछ सेकंड तक महसूस किए गए, जिससे पुराने अनुभवों को याद कर लोग सहम गए। विशेष रूप से 2001 के विनाशकारी भूकंप की यादों के चलते कच्छ क्षेत्र में छोटे झटके भी लोगों को अत्यधिक सतर्क कर देते हैं।
प्रशासनिक सतर्कता और नुकसान का आकलन
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें तुरंत सक्रिय हो गई हैं। जिला कलेक्टर कार्यालय ने विभिन्न तहसीलों से रिपोर्ट मांगी है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, कुछ पुरानी इमारतों में मामूली दरारें आने की खबरें मिली हैं, लेकिन किसी के हताहत होने या बड़ी संपत्ति के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
क्यों संवेदनशील है कच्छ?
वैज्ञानिकों के अनुसार, कच्छ जिला ‘सिस्मिक ज़ोन 5’ (Seismic Zone V) में आता है, जो भूकंप के लिहाज से भारत का सबसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहाँ फॉल्ट लाइन्स की सक्रियता के कारण छोटे और मध्यम श्रेणी के भूकंप आना एक सामान्य प्रक्रिया है। भू-गर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि 4.4 तीव्रता का भूकंप मध्यम श्रेणी में आता है और इसके बाद छोटे ‘आफ्टरशॉक्स’ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।





