गाजा में अमेरिका समर्थित भोजन वितरण केंद्र के पास इस्राइल ने सोमवार को फिर गोलीबारी की। इसमें कम से कम 37 फलस्तीनियों की मौत हो गई। इस्राइली सैन्य नियंत्रित क्षेत्र से गुजरने के दौरान फलस्तीनियों पर की गई यह हालिया दौर की सबसे भीषण गोलीबारी है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सैनिकों ने भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में गोलीबारी की। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भोजन केंद्र तक पहुंचने की कोशिश में 33 फलस्तीनी मारे गए। चार अन्य जगह मारे गए। इससे पहले, 11 जून को भी कुछ ऐसा ही हुआ था। तब गाजा में राहत सामग्री और खाना पाने की कोशिश कर रहे फलस्तीनियों पर इस्राइली सेना ने गोलीबारी की थी। इसमें 36 लोग मारे गए और 207 घायल हो गए थे। इजरायली और अमेरिकी समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन द्वारा संचालित सहायता स्थलों के पास हुई गोलीबारी में अब तक कम से कम 200 से अधिक लोग मारे गए और 1600 से अधिक घायल हो गए।
इस्राइल की नाकाबंदी और सैन्य कार्रवाई ने गाजा को अकाल के कगार पर पहुंचा दिया है। गाजा में इस समय मानवीय संकट चरम पर है। महीनों से जारी इजरायल-हमास युद्ध के चलते इलाके में खाद्य सामग्री, दवाओं और बिजली की भारी किल्लत है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने पहले ही चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही राहत नहीं पहुंची, तो गाजा में भुखमरी और बीमारी से बड़े पैमाने पर मौतें हो सकती हैं। वहीं, इस्राइल और अमेरिका का कहना है कि उन्होंने नई खाद्य वितरण प्रणाली की शुरुआत हमास को मानवीय सहायता चुराने और उसका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में करने से रोकने के लिए की है। जबकि संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि किसी भी व्यवस्थित तरीके से सहायता पहुंचाने का कोई सबूत नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा कि गाजा में इस्राइल फलस्तीनियों पर कहर ढा रहा है। उन्होंने इस्राइली अधिकारियों से युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने की अपील की। बता दें कि गाजा में इस्राइल हमले में अब तक 50 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हुई है।