गाज़ा पट्टी के दीर अल-बलाह, तल अल-हवा और नासेर इलाकों में मंगलवार देर रात और बुधवार को हुए इस्राइली हवाई हमलों में 21 फलस्तीनियों की मौत हो गई। गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं, जिनमें एक गर्भवती महिला और छह बच्चे भी शामिल हैं।
तीन अलग-अलग हमले, निर्दोषों की मौत
- पहला हमला गाज़ा सिटी के उत्तर-पश्चिम इलाके में एक आवास पर हुआ, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई।
- दूसरा हमला तल अल-हवा इलाके के एक अपार्टमेंट पर हुआ, जिसमें छह लोगों की जान गई।
- तीसरा हमला नासेर इलाके में एक तंबू पर हुआ, जिसमें तीन बच्चे मारे गए।
शिफा अस्पताल ने इन मौतों की पुष्टि की है। इस हमले में कम से कम आठ लोग घायल भी हुए हैं।
मानवाधिकार संकट और बढ़ती भुखमरी
गाज़ा में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। करीब 20 लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र में इस्राइली नाकेबंदी और सैन्य कार्रवाई के चलते भुखमरी, लूटपाट और कानून-व्यवस्था की पूर्ण विफलता देखी जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, मई 2024 से अब तक 1,000 से ज्यादा नागरिकों की मौत केवल खाना पाने की कोशिश करते समय हुई है — जिनमें अधिकांश राहत वितरण केंद्रों के आसपास मारे गए। इन वितरण केंद्रों को अमेरिका समर्थित एजेंसियों द्वारा संचालित किया जा रहा है।
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध शुरू होने से अब तक 59,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं। इस मंत्रालय को हमास नियंत्रित प्रशासन चलाता है, लेकिन इसके आंकड़ों को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं विश्वसनीय मानती हैं।
मानवाधिकार संगठनों की कड़ी प्रतिक्रिया
बुधवार को 109 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और राहत संस्थाओं ने एक संयुक्त पत्र जारी कर गाज़ा की स्थिति को “खौफनाक” बताते हुए इसे जनसंहार करार दिया। पत्र में इस्राइल पर राहत सामग्री की आपूर्ति में बाधा डालने और शिविरों को निशाना बनाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
संगठनों ने कहा:
“इस्राइल की पाबंदियों और मदद पहुंचाने में की जा रही देरी ने गाज़ा में भुखमरी और तबाही फैला दी है। तत्काल युद्धविराम और बड़े पैमाने पर राहत पहुंचाने की आवश्यकता है।”
इस्राइल का दावा है कि वह हजारों ट्रक मदद गाज़ा भेज चुका है, और वितरण में देरी के लिए राहत एजेंसियां जिम्मेदार हैं।