Sunday, June 29, 2025

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खोखला हो रहा दुनिया का सबसे बड़ा डूम्सडे ग्लेशियर

दुनिया का सबसे बड़ा डूम्सडे ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है। इसके पूरी तरह पिघलने से समुद्र का जलस्तर करीब दो फुट तक बढ़ जाएगा, जो मानवता के लिए प्रलयंकारी साबित होगा।  कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस की शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसके मुताबिक डूम्सडे ग्लेशियर जिसे थ्वाइट्स ग्लेशियर भी कहते हैं, के नीचे अंदर ही अंदर कई मील तक समुद्री जल भर चुका है। यह गर्म नमकीन समुद्री जल इस ग्लेशियर को पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा तेजी से पिघला रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ग्लेशियर का एक्स-रे करने के लिए अंतरिक्ष से रडार डाटा का उपयोग किया गया, जिसमें सामने आया फ्लोरिडा के आकार वाला यह ग्लेशियर असल में 1940 से पिघलना शुरू हुआ और इसके बाद कभी पूरी तरह से मूल आकार में नहीं लौट पाया।  डूम्सडे ग्लेशियर पूरी तरह पिघनले पर समुद्री जलस्तर 2 फीट तक बढ़ जाएगा। इसके अलावा यह पश्चिम अंटार्कटिका में आसपास की बर्फ की चादर के लिए एक प्राकृतिक बांध के रूप में भी काम करता है। इसके पिघलते ही बर्फ की पूरी चादर भी पिघलने लगेगी, जो दुनिया के तटीय इलाकों के लिए प्रलयंकारी साबित होगा, क्योंकि इससे समुद्र जलस्तर 10 फीट तक बढ़ सकता है। शोध से जुड़े कोलोराडो यूनिवर्सिटी के अध्येता डॉ. टेड स्कैम्बॉस कहते हैं, हर दिन समुद्री लहरें ज्वार-भाटे की नियमित प्रक्रिया के तहत ग्लेशियर को ऊपर धकेल रही हैं, जिससे ग्राउंडिंग लाइन बढ़ती जा रही है। ग्लेशियर के पिघलने की गणनाओं में कभी इस कारण को शामिल ही नहीं किया गया था। इससे ग्लेशियर के पिघलने को लेकर ज्यादा सटीक अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।

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