Friday, July 4, 2025

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क्या केरल में फंसे ब्रिटिश F-35B फाइटर जेट को तोड़कर ही वापस ले जाया जाएगा?

ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35B स्टील्थ फाइटर जेट, जो 19 दिन पहले केरल के तिरुवनंतपुरम में अचानक लैंड हुआ था, अब तकनीकी वजहों से वहीं फंसा हुआ है। ब्रिटेन अब इसे C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से वापस ले जाने की योजना बना रहा है, लेकिन इसके लिए कुछ जटिल और संवेदनशील प्रक्रियाएं अपनानी होंगी। आइए इसे 5 आसान बिंदुओं में समझते हैं:

1. क्या जेट को तोड़ना पड़ेगा?

हाँ। F-35B को C-17 ग्लोबमास्टर में फिट करने के लिए उसके हिस्सों को अलग करना पड़ेगा, क्योंकि जेट का आकार काफी बड़ा है। इसे केवल लॉकहीड मार्टिन के प्रशिक्षित इंजीनियर ही कर सकते हैं।
यह काम बेहद संवेदनशील होगा क्योंकि जेट में स्टील्थ टेक्नोलॉजी और कई गोपनीय सैन्य सिस्टम लगे होते हैं।

2. सुरक्षा होगी बेहद कड़ी

फाइटर जेट को तोड़ने और ले जाने की पूरी प्रक्रिया पर ब्रिटिश सेना की सख्त निगरानी होगी।
हर स्क्रू, वायर और कंपोनेंट को कोडबेस पर ट्रैक किया जाएगा ताकि किसी भी डाटा लीकेज या जासूसी की आशंका को खत्म किया जा सके।
क्योंकि F-35 की तकनीक से जुड़ी जरा-सी जानकारी भी सैन्य खतरे में डाल सकती है।

3. पहले भी ऐसा हो चुका है

मई 2019 में पहली बार F-35 के विंग्स को हटाकर अमेरिका में C-17 के जरिए एयरलिफ्ट किया गया था।
यह मिशन चार साल चला और दो लाख डॉलर खर्च हुए।
यह दिखाता है कि ऐसा ऑपरेशन तकनीकी रूप से संभव तो है, लेकिन महंगा, लंबा और संवेदनशील होता है।

4. F-35 की तकनीक कितनी खास है?

  • यह विमान AI, डेटा फ्यूजन, रडार ब्लॉकिंग कोटिंग और एन्क्रिप्टेड सिस्टम से लैस है।
  • परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • किसी देश के लिए इसका टेक एक्सेस रणनीतिक खतरा बन सकता है।
  • इसलिए इसे तोड़ना और ट्रांसपोर्ट करना, सिर्फ अत्यधिक सुरक्षा और विशेष अनुमति के साथ ही किया जाता है।

5. दुनिया का सबसे महंगा फाइटर प्रोग्राम

F-35 प्रोग्राम की कुल लागत है 1.7 ट्रिलियन डॉलर, जो इसे दुनिया का सबसे महंगा और आधुनिक सैन्य प्रोजेक्ट बनाता है।
यह किसी भी परिस्थिति में लड़ने में सक्षम और नेटवर्क-कनेक्टेड फाइटर जेट है, जिससे इसके पायलट को युद्ध में हमेशा बढ़त मिलती है।

केरल में फंसे ब्रिटिश F-35B जेट को वापस ले जाना केवल एक तकनीकी काम नहीं, बल्कि यह राजनयिक, सामरिक और सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील मिशन है। इसकी हर गतिविधि पर अंतरराष्ट्रीय निगाहें टिकी होंगी और जरा सी चूक भी गंभीर कूटनीतिक नतीजे ला सकती है।

अगर आप चाहें तो मैं इसका एक वीडियो स्क्रिप्ट या इंफोग्राफिक स्टाइल वर्जन भी तैयार कर सकती हूं।

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