तमाम कोशिशों के बावजूद इस रहस्य से पर्दा अब तक नहीं उठ सका है कि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस आखिर कहां से आया? विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार कुछ नई जानकारियां जरूरी मिली हैं, पर महामारी की उत्पत्ति का स्रोत अब भी अज्ञात है। रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने चीन से कई अहम जानकारियां मांगी थीं, जिनमें 2019 के अंत में संक्रमित लोगों के जैविक नमूने, वुहान की मंडियों में बिकने वाले जानवरों की सूची व वहां की प्रयोगशालाओं की सुरक्षा प्रक्रियाएं शामिल थीं। पर, चीन ने ये सूचनाएं साझा नहीं कीं। इससे जांच अधूरी रह गई। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय समूह साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर द ऑरिजिंस ऑफ नोवल पैथोजेन्स (सागो) की यह रिपोर्ट तीन वर्षों की व्यापक खोजबीन का नतीजा है। इसमें 27 देशों के स्वतंत्र वैज्ञानिक शामिल हैं। अब तक 52 बैठकों और सैकड़ों दस्तावेज व शोध रिपोर्टों का अध्ययन करने के बावजूद रिपोर्ट यह निष्कर्ष नहीं दे पाई कि वायरस की उत्पत्ति का असली कारण क्या था। रिपाेर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के शुरुआती समय में पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग होता तो शायद इस रहस्य से पर्दा उठ चुका होता।
नई जानकारी देने की अपील
• डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ. टेड्रोस घेब्रेयेसस ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि यह एक गहन वैज्ञानिक प्रयास रहा है, पर आज भी हम उस मूल बिंदु तक नहीं पहुंच सके हैं। सभी संभावनाएं खुली हैं। यह वायरस या तो जानवरों से इंसानों में फैला या फिर किसी लैब से बाहर निकला। हम चीन से फिर अपील करते हैं कि यदि उसके पास कोई नई जानकारी हो तो उसे देे ताकि भविष्य में इस तरह की महामारियों से बचा जा सके।
• रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने जांच समाप्त नहीं की है। यदि भविष्य में कोई नई जानकारी सामने आती है तो विशेषज्ञों का समूह उसका अध्ययन करेगा। वर्ष 2020 में विश्व स्वास्थ्य महासभा ने सर्वसम्मति से इस जांच के प्रस्ताव को पारित किया था। उसी क्रम में 2021 में डब्ल्यूएचओ ने सागो का गठन किया था।