भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रिश्तों में आ रहे सुधार पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि छह साल बाद शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को भारत में गहरी सराहना मिली है। यह यात्रा जून से अगस्त तक आयोजित हो रही है और लगभग 750 तीर्थयात्री इस वर्ष तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर रहे हैं।
जयशंकर इस समय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने चीन दौरे पर हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली हमारे लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और भारत में इसका व्यापक स्वागत हुआ है।”
विदेश मंत्री ने इस मुलाकात के दौरान SCO में चीन की अध्यक्षता का समर्थन भी दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रगति हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि “भारत और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच नियमित संवाद आज के जटिल वैश्विक माहौल में बेहद अहम है।”
जयशंकर ने यह भी याद दिलाया कि भारत और चीन ने इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई है, जो दोनों देशों के बीच गहराते रिश्तों का प्रतीक है।
गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा 1981 में शुरू हुई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी, गलवान संघर्ष और LAC पर तनाव के चलते 2020 से यात्रा स्थगित थी। इस वर्ष यात्रा के दोबारा शुरू होने से हिंदू, जैन और बौद्ध श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।