देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर शासन और पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य में शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी अराजक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा।
अधिकारियों को दो टूक निर्देश
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश की सुरक्षा और जन-सामान्य का विश्वास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले तत्वों के खिलाफ तत्काल और प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने पुलिस विभाग को अपनी सूचना प्रणाली (इंटेलिजेंस) को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना को होने से पहले ही रोका जा सके।
नशा और अपराध पर जीरो टॉलरेंस
बैठक में मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बढ़ते नशों और अवैध गतिविधियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा:
- नशा मुक्ति अभियान: राज्य को ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ बनाने के संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने ड्रग पैडलर्स के खिलाफ सख्त ‘गैंगस्टर एक्ट’ के तहत कार्रवाई करने को कहा।
- सुरक्षा ऑडिट: महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
- सत्यापन अभियान: बाहरी राज्यों से आकर उत्तराखंड में बसने वाले संदिग्ध व्यक्तियों के सत्यापन अभियान में तेजी लाने को कहा गया।
जनता के बीच विश्वास पैदा करे पुलिस
मुख्यमंत्री धामी ने जोर देकर कहा कि पुलिस का व्यवहार आम जनता के प्रति मित्रवत होना चाहिए, लेकिन अपराधियों के मन में कानून का खौफ होना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि थानों और चौकियों में आने वाली शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए और पीड़ितों को अनावश्यक चक्कर न कटवाए जाएं।
“देवभूमि की मर्यादा और शांति से किसी को भी खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो भी कानून हाथ में लेगा, उसे उसके किए की सख्त सजा भुगतनी होगी।” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री





