Thursday, December 25, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

करीब ढाई दशक पुरानी है पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मित्रता करीब ढाई दशक पुरानी है, जिसे आज वैश्विक कूटनीति की सबसे प्रभावशाली साझेदारियों में गिना जाता है। यह संबंध केवल औपचारिक राजनीतिक बातचीत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समय के साथ एक व्यक्तिगत भरोसे और गहरी समझ में बदल गया है। दोनों नेताओं की मुलाकातों, चर्चाओं और संयुक्त कार्यक्रमों की तस्वीरें इस रिश्ते की मजबूती को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।

दोनों के बीच यह रिश्ता तब से शुरू होता है जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और रूस से आर्थिक व रणनीतिक सहयोग को लेकर संवाद लगातार बढ़ रहा था। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह संबंध और अधिक व्यापक हुआ। कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मोदी और पुतिन की मुलाकातों ने दुनिया का ध्यान खींचा और यह संदेश दिया कि भारत और रूस की साझेदारी दीर्घकालिक रणनीतिक हितों पर आधारित है।

पिछले वर्षों में दोनों नेताओं ने रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, टेक्नोलॉजी और व्यापार जैसे क्षेत्रों में अनेक महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। पुतिन और मोदी की अनौपचारिक मुलाकातें भी चर्चा में रही हैं—चाहे सोची में समुद्र तट पर दोनों की बातचीत हो या व्लादिवोस्तोक में संयुक्त कार्यक्रम। ये सभी क्षण दर्शाते हैं कि दोनों नेता औपचारिक वार्ताओं के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर भी सहजता से संवाद करते हैं।

भारत-रूस संबंधों के बदलते स्वरूप में दोनों नेताओं की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों, यूक्रेन संघर्ष, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद दोनों देशों के बीच संवाद बना रहा। इसी पृष्ठभूमि में मोदी–पुतिन की मित्रता को स्थिरता और भरोसे की प्रतिमूर्ति माना जाता है।

तस्वीरों में अक्सर मोदी और पुतिन को मुस्कुराते हुए, अनौपचारिक अंदाज़ में बातचीत करते या प्रमुख वैश्विक मंचों पर एक साथ खड़े देखा गया है। ये तस्वीरें न केवल दो नेताओं की व्यक्तिगत निकटता को दर्शाती हैं, बल्कि भारत और रूस की दशकों पुरानी साझेदारी की निरंतरता का प्रतीक भी हैं।

कुल मिलाकर, लगभग 25 वर्षों में यह संबंध विभिन्न राजनीतिक दौरों, अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों और कूटनीतिक उतार-चढ़ावों को पार कर और अधिक मजबूत हुआ है। आज जब दोनों नेता वैश्विक मंचों पर दिखाई देते हैं, तो यह केवल दो देशों की साझेदारी नहीं, बल्कि भरोसे, सम्मान और स्थायी मित्रता की कहानी भी होती है।

Popular Articles