भारत और चीन के बीच बीते कुछ वर्षों से चले आ रहे सीमा तनाव के बीच एक सकारात्मक कूटनीतिक पहल सामने आई है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह उनकी पहली सीधी बातचीत थी, जो हालिया सीमा तनाव में कमी के बाद हुई है।
भारत-चीन रिश्तों में आई सकारात्मकता
एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। साथ ही द्विपक्षीय संबंधों में आई हालिया प्रगति की जानकारी भी साझा की। उन्होंने लिखा कि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन से रिश्तों को नई दिशा मिल रही है।
चीनी विदेश मंत्री से द्विपक्षीय चर्चा
SCO बैठक के मौके पर जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी अहम बातचीत की। उन्होंने बताया कि पिछले 9 महीनों में भारत-चीन संबंधों में “अच्छी प्रगति” हुई है। खासकर सीमा पर हालात पहले से शांत हैं, और अब डि-एस्केलेशन के साथ अन्य लंबित मुद्दों को भी सुलझाने की आवश्यकता है।
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए। भारत-चीन के बीच स्थिर, संतुलित और रचनात्मक संबंध केवल द्विपक्षीय हित में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी जरूरी हैं।
व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा
जयशंकर ने चीन के व्यापारिक प्रतिबंधों और एक्सपोर्ट कंट्रोल नीतियों पर चिंता जताई, जो भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने ट्रैवल आसान बनाने, सीधी उड़ानों को फिर शुरू करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता भी जताई।
आतंकवाद और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर बात
SCO बैठक में जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया और सभी सदस्य देशों से इसी रुख को अपनाने की अपील की। साथ ही उन्होंने चीन द्वारा पांच साल बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने के फैसले का स्वागत किया, जिसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जाता है।