Sunday, November 30, 2025

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एशिया कप फाइनल: भारत की खिताबी जीत के बाद बड़ा एलान, कप्तान सूर्यकुमार यादव देंगे पूरी मैच फीस भारतीय सेना को

भारत ने एशिया कप टी20 फाइनल में पाकिस्तान को हराकर दूसरा टी20 और कुल मिलाकर नौवां एशिया कप खिताब अपने नाम कर लिया। रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में टीम इंडिया ने पांच विकेट से शानदार जीत दर्ज की। तिलक वर्मा के अर्धशतक और संजू सैमसन व शिवम दुबे की उपयोगी पारियों ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।
लेकिन इस खिताबी मुकाबले के बाद जो हुआ, उसने सभी को चौंका दिया। भारतीय टीम ने पुरस्कार वितरण समारोह में न तो पदक लिया और न ही ट्रॉफी। दरअसल, टीम ने एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी न लेने का फैसला किया। सूत्रों के अनुसार, पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि ट्रॉफी अमीरात क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष के हाथों सौंपी जाएगी, मगर भारतीय खिलाड़ियों ने सामूहिक निर्णय लेकर इसे स्वीकार नहीं किया। इस वजह से समारोह टीम को ट्रॉफी दिए बिना ही समाप्त हो गया।

बीसीसीआई ने की इनामी राशि की घोषणा
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिताबी जीत पर खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिए 21 करोड़ रुपये की इनामी राशि घोषित की है। यह राशि पूरी टीम और सपोर्ट स्टाफ में वितरित की जाएगी।
सूर्यकुमार का बड़ा फैसला – सेना को समर्पित करेंगे फीस
फाइनल जीत के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा,
“मैं इस टूर्नामेंट में खेले गए सभी मैचों की अपनी मैच फीस भारतीय सेना को देना चाहता हूं। यह हमारी असली प्रेरणा हैं।”
उनके इस निर्णय ने दर्शकों और क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया।

ट्रॉफी न मिलने पर नाराजगी
सूर्यकुमार यादव ने ट्रॉफी को लेकर अपनी नाराजगी भी खुलकर जाहिर की। उन्होंने कहा,
“मैंने इतने वर्षों में कभी नहीं देखा कि किसी चैंपियन टीम को ट्रॉफी से वंचित कर दिया जाए। यह हमारी कड़ी मेहनत का नतीजा थी। लगातार दो दिन हमने दमदार मुकाबले खेले और इस जीत के पूरी तरह हकदार थे। मगर असली ट्रॉफी मेरे लिए खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ हैं। ड्रेसिंग रूम में मेरे पास 14 ट्रॉफियां हैं, लेकिन इस सफर की यादें ही मेरे लिए सबसे बड़ी धरोहर हैं।”
खिलाड़ियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया
समारोह में पदक और ट्रॉफी न मिलने से जहां खिलाड़ियों में निराशा झलक रही थी, वहीं दर्शकों ने भी इसे लेकर सवाल उठाए। हालांकि, सूर्यकुमार ने स्पष्ट किया कि जीत से बड़ी कोई ट्रॉफी नहीं होती और पूरी टीम का प्रयास ही उनके लिए सबसे कीमती उपलब्धि है।

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