महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। मुंबई पुलिस को गुरुवार सुबह एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की कार को उड़ाने की धमकी दी गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि गोरेगांव, जेजे मार्ग पुलिस स्टेशनों और राज्य सरकार के मुख्यालय मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में कॉल आए। कॉल करने वाले ने शिंदे की कार को बम से उड़ाने की धमकी दी। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कई मुद्दों पर मतभेद बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। इनमें संरक्षक मंत्री की नियुक्ति से लेकर अलग-अलग समीक्षा बैठकें करना शामिल है। भाजपा के नेतृत्व वाले तीन दलों के गठबंधन महायुति ने तीन महीने पहले महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट में से 230 सीट जीतकर सरकार बनाई थी। हालांकि, दोनों के बीच मतभेद की अटकलों पर विराम लगाने के लिए कोई भी स्पष्टीकरण या दावा नाकाफी साबित हो रहा है।पिछले नवंबर में नतीजों के बाद भाजपा ने फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया था, जिसके बाद शिवसेना प्रमुख शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा था। शिंदे के समर्थकों का मानना है कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनके ढाई साल के कार्यकाल (जून 2022 से नवंबर 2024) के दौरान लिए गए फैसलों, विकास और कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही भाजपा, शिवसेना और राकांपा के गठबंधन को विधानसभा चुनाव में जीत मिली।
शिवसेना नेताओं के अनुसार शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन उनकी पार्टी के सहयोगियों और भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उन्हें फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा बनने के लिए मना लिया था। मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद विभागों के बंटवारे में करीब एक सप्ताह का समय लग गया। हालांकि, फडणवीस और शिंदे दोनों ने अपने बीच किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया है और सब कुछ ठीक होने का संदेश देने की कोशिश की है, लेकिन कई उदाहरण इसके उलट संकेत दे रहे हैं। रायगढ़ और नासिक जिलों के संरक्षक मंत्रियों को लेकर फैसले से दरार बढ़ती देखी गई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की विधायक अदिति तटकरे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गिरीश महाजन की क्रमश: रायगढ़ और नासिक के संरक्षक मंत्री के रूप में नियुक्ति से शिवसेना नाराज थी। हालांकि दोनों नियुक्तियों को रोक दिया गया है, फिर भी मामला अनसुलझा है। बात यहीं नहीं रुकी, मुख्यमंत्री के वॉर रूम के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्रियों अजित पवार और शिंदे ने उन परियोजनाओं पर नजर रखने के लिए निगरानी इकाइयां स्थापित कीं। ये परियोजनाएं उन जिलों के अंतर्गत आती हैं, जिनके वे संरक्षक मंत्री हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष होते हुए भी शिंदे ने राज्य सचिवालय में एक चिकित्सा सहायता कक्ष स्थापित किया। शिंदे उत्तरी महाराष्ट्र शहर में 2027 कुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा के लिए नासिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) की बैठक समेत फडणवीस द्वारा बुलाई गईं कई बैठकों से दूर रहे।