उत्तराखंड के चमोली जिले स्थित उर्गम घाटी के रांता तोक में मंगलवार रात भारी बारिश के चलते भूस्खलन हो गया, जिससे एक आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे के समय घर में मौजूद परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित बाहर निकल आए।
स्थानीय निवासी रघुवीर सिंह नेगी ने बताया कि भारी बारिश और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन बासा सड़क की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से भू-स्खलन का खतरा बना हुआ है।
मौसम विभाग ने बुधवार के लिए देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ और बागेश्वर सहित कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज गर्जना, बिजली चमकने और तेज बौछारों की संभावना जताई गई है। पूर्वानुमान के अनुसार, चार अगस्त तक प्रदेशभर में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है।
65 सड़कें बंद, लिपुलेख मार्ग प्रभावित
बारिश के कारण प्रदेशभर में तवाघाट-घटियाबगड़-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 65 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों और यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, पिथौरागढ़ जिले में लिपुलेख मार्ग के किलोमीटर छह पर भारी मलबा और पत्थर गिरने से हाईवे बंद है। इसके अतिरिक्त जिले की 13 ग्रामीण सड़कें भी अवरुद्ध हैं।
अन्य प्रभावित जिलों की स्थिति इस प्रकार है:
- रुद्रप्रयाग: 8 सड़कें
- उत्तरकाशी: 11 सड़कें
- नैनीताल: 3 सड़कें
- चमोली: 7 सड़कें
- अल्मोड़ा: 4 सड़कें
- बागेश्वर: 6 सड़कें
- पौड़ी गढ़वाल: 3 सड़कें
- टिहरी: 5 सड़कें
- देहरादून: 4 सड़कें
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, बंद सड़कों को खोलने का कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम के चलते राहत कार्यों में बाधा आ रही है।