Tuesday, September 9, 2025

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उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम, बीआरएस और बीजेडी ने किया मतदान से दूरी बनाने का एलान

नई दिल्ली। आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) और ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD) ने सोमवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी। दोनों दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले मतदान में शामिल नहीं होंगे।
बीआरएस ने कहा कि पार्टी ने इस चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव में भाग लेना उनके राजनीतिक रुख के अनुकूल नहीं है। वहीं, बीजेडी ने भी अपने विधायकों और सांसदों को मतदान में अनुपस्थित रहने के निर्देश जारी किए हैं।
दोनों दलों के इस फैसले ने उपराष्ट्रपति चुनाव की सियासी तस्वीर पर असर डाला है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जहां विपक्ष अपने उम्मीदवार को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, वहीं इन दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों के बाहर होने से मुकाबले की दिशा और भी साफ हो गई है।

गौरतलब है कि बीजेडी और बीआरएस पहले भी कई बार राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में स्वतंत्र रुख अपनाते रहे हैं। इन दलों ने अक्सर बड़े चुनावी समीकरणों में निर्णायक भूमिका निभाई है। ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव से बाहर होने का उनका यह कदम न केवल सत्तापक्ष बल्कि विपक्ष की रणनीति पर भी असर डाल सकता है।
संसदीय हलकों में अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि मतदान के दौरान संख्या बल किस पक्ष के पक्ष में जाएगा। हालांकि, बीजेडी और बीआरएस के फैसले के बाद यह साफ है कि मुकाबला अपेक्षाकृत आसान हो सकता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी दलों ने अपने-अपने सांसदों को दिल्ली बुला लिया है। मतदान से पहले सियासी समीकरणों में हुए इस बदलाव ने चुनावी माहौल को और रोचक बना दिया है।

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