उत्तराखंड में नकली और घटिया गुणवत्ता की दवाओं के खिलाफ शनिवार से ‘ऑपरेशन क्लीन’ अभियान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस विशेष अभियान में राज्यभर की फार्मा कंपनियों, थोक व फुटकर दवा दुकानों का निरीक्षण कर नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे।
भारत-नेपाल सीमा पर विशेष निगरानी
इस अभियान के तहत खासतौर पर भारत-नेपाल सीमा और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन निगरानी रखी जाएगी, ताकि नशीली और नकली दवाओं की तस्करी पर लगाम लगाई जा सके। नकली, अधोमानक, मिसब्रांडेड और मादक औषधियों के निर्माण, भंडारण और बिक्री में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्विक रिस्पांस टीम मैदान में
अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय क्विक रिस्पांस टीम (QRT) गठित की गई है। इसमें डॉ. सुधीर कुमार, नीरज कुमार, मीनाक्षी बिष्ट, सीपी नेगी, अनिता भारती, मानवेन्द्र सिंह राणा, निशा रावत और गौरी कुकरेती शामिल हैं।
दो श्रेणियों में बांटे गए जिले
औषधि निरीक्षण के लिए जिलों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है—
- श्रेणी-1: देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी
- श्रेणी-2: अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत
हर सप्ताह जिलों से प्राप्त नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी।
शिकायत के लिए हेल्पलाइन
विभाग ने नकली दवाओं की सूचना देने के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001804246 भी जारी किया है, जिस पर आम लोग भी सूचना दे सकते हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि अभियान का उद्देश्य केवल कार्रवाई नहीं, बल्कि उत्तराखंड को नशामुक्त और सुरक्षित औषधियों वाला राज्य बनाना है।