देहरादून। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में 15 नवंबर को राज्यव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करना और संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। मॉक ड्रिल में राज्य के सभी जिलों, तहसीलों और ब्लॉकों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पुलिस, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय निकायों की टीमें भाग लेंगी।
यूएसडीएमए के अधिकारियों के अनुसार, यह मॉक ड्रिल भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और आग जैसी आपदाओं पर केंद्रित होगी। अभ्यास के दौरान विभिन्न परिदृश्यों को सिमुलेट कर राहत और बचाव कार्यों की गति, संचार प्रणाली की दक्षता, तथा संसाधनों की उपलब्धता की जांच की जाएगी।
राज्य आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि यह मॉक ड्रिल न केवल आपदा प्रतिक्रिया क्षमता की परीक्षा होगी, बल्कि आम जनता को भी जागरूक करने का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि “आपदा के समय पहला जवाब स्थानीय समुदाय से आता है, इसलिए इस अभ्यास में नागरिकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।”
मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए हैं कि मॉक ड्रिल को यथासंभव वास्तविक परिस्थितियों के अनुरूप किया जाए, ताकि आपात स्थिति में किसी भी प्रकार की चूक न हो। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड एक संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्र है। इसलिए हमें हर स्तर पर सतर्क और तैयार रहना जरूरी है। यह ड्रिल हमारी आपदा प्रबंधन प्रणाली की मजबूती का आकलन करने का महत्वपूर्ण अवसर है।”
यूएसडीएमए ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में ड्रिल की रूपरेखा तय करें, आपदा नियंत्रण कक्ष सक्रिय रखें और पूर्वाभ्यास कर टीमों की तैयारी सुनिश्चित करें।
राज्य सरकार का कहना है कि इस अभ्यास से आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों की त्वरितता और समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।





