देहरादून: उत्तराखंड में आगामी चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने के लिए चलाया जा रहा प्री-एसआईआर (Pre-SIR) अभियान अब 10 जनवरी तक जारी रहेगा। निर्वाचन आयोग ने अभियान की महत्ता और शेष बचे कार्यों को देखते हुए इसकी समय-सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रशासन का मुख्य लक्ष्य राज्य के शत-प्रतिशत पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में दर्ज करना और त्रुटियों को सुधारना है।
मैपिंग कार्य में आई तेजी
ताजा आंकड़ों के अनुसार, निर्वाचन विभाग ने अब तक राज्य के 65 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल माध्यमों और बीएलओ (BLO) के घर-घर जाकर सत्यापन करने की प्रक्रिया से डेटा एकत्रीकरण में काफी गति आई है। शेष 35 प्रतिशत मतदाताओं के सत्यापन और मैपिंग के कार्य को पूरा करने के लिए अब अतिरिक्त समय दिया गया है।
अभियान का मुख्य उद्देश्य
प्री-एसआईआर अभियान के तहत मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है:
- नामों का मिलान: मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टियों (Double entries) को हटाना।
- मृत व स्थानांतरित मतदाता: जो मतदाता अब उस क्षेत्र में नहीं रहते या जिनका निधन हो चुका है, उनके नाम सूची से हटाना।
- नए मतदाताओं का पंजीकरण: 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके युवाओं को मतदाता सूची से जोड़ना।
- पते में सुधार: मतदाताओं के निवास स्थान और अन्य व्यक्तिगत विवरणों में सुधार करना।
बीएलओ को दिए गए विशेष निर्देश
राज्य निर्वाचन कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बीएलओ की कार्यप्रणाली की निगरानी करें। मुख्यमंत्री और मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रहे, इसके लिए मैपिंग की प्रक्रिया को त्रुटिहीन बनाना अनिवार्य है।
आम जनता से अपील
प्रशासन ने प्रदेश के नागरिकों से अपील की है कि वे 10 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान का लाभ उठाएं। यदि किसी का नाम सूची में नहीं है या कोई जानकारी गलत दर्ज है, तो वे अपने क्षेत्रीय बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।





