उत्तरकाशी/चिन्यालीसौड़: सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले उत्तरकाशी में आज भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक C-295 सैन्य परिवहन विमान ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। वायुसेना के इस नए ‘बाहुबली’ विमान ने चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर सफलतापूर्वक लैंडिंग और टेक-ऑफ का ट्रायल किया। आसमान में विमान की दहाड़ सुनते ही पूरा शहर रोमांचित हो उठा और लोग इस ऐतिहासिक पल को अपनी आंखों में कैद करने के लिए घरों की छतों पर चढ़ गए।
सामरिक शक्ति का नया अध्याय
चीन सीमा के करीब स्थित चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी भारतीय वायुसेना के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील है। C-295 विमान का यहाँ उतरना सेना की रसद आपूर्ति और आपातकालीन क्षमताओं में बड़ी वृद्धि का संकेत है।
- सफल लैंडिंग: वायुसेना के अनुभवी पायलटों ने विमान को हवाई पट्टी पर बेहद सटीक तरीके से उतारा।
- शॉर्ट टेक-ऑफ: इस विमान की खासियत है कि यह बेहद कम लंबाई वाली हवाई पट्टी से भी उड़ान भर सकता है, जो पहाड़ी क्षेत्रों के लिए वरदान है।
- क्षमता: यह विमान 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को ले जाने में सक्षम है और भारी मशीनरी को भी दुर्गम इलाकों तक पहुंचा सकता है।
छतों पर मेला जैसा नजारा
जैसे ही विमान के आने की सूचना मिली, चिन्यालीसौड़ और आसपास के गांवों में उत्साह का माहौल बन गया।
- उत्साही स्थानीय लोग: बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सभी विमान की एक झलक पाने के लिए अपने घरों की छतों और ऊंचे टीलों पर जमा हो गए।
- कैमरों में कैद पल: लोगों ने इस भारी-भरकम विमान के आसमान में करतब दिखाते हुए वीडियो बनाए और सोशल मीडिया पर साझा किए।
- सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: लैंडिंग के दौरान पुलिस और प्रशासन ने हवाई पट्टी के चारों ओर सुरक्षा का कड़ा पहरा रखा था ताकि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति रनवे के पास न जा सके।
क्यों खास है C-295 विमान?
सीमा सुरक्षा के लिए ‘ब्रह्मास्त्र’
चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर C-295 का यह सफल परीक्षण न केवल सेना की ताकत को दर्शाता है, बल्कि आपदा के समय राहत कार्यों में भी मील का पत्थर साबित होगा। 1962 के युद्ध के बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर सरकार का विशेष फोकस है। इस विमान के तैनात होने से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सेना की निगरानी और रसद क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
स्थानीय निवासी का बयान: “हमने पहले भी यहाँ हेलीकॉप्टर और छोटे विमान देखे हैं, लेकिन इतने बड़े सैन्य विमान को इतनी करीब से देखना गर्व की बात है। ऐसा लगा जैसे देश की सुरक्षा और मजबूत हो गई है।”





