प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करते हुए नए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण किया है। सरकारी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, यह परीक्षण राजधानी प्योंगयांग के पास स्थित एक सैन्य केंद्र में किया गया। इस दौरान देश के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन स्वयं मौजूद रहे और इंजीनियरों व वैज्ञानिकों की टीम का उत्साहवर्धन किया।
परीक्षण के बारे में आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि नया इंजन पारंपरिक तकनीक से कहीं अधिक शक्तिशाली है और लंबी दूरी तक सटीक निशाना साधने की क्षमता को बढ़ाएगा। उत्तर कोरिया ने दावा किया कि इस परीक्षण से उसकी रक्षा प्रणाली और भी मजबूत होगी और वह बाहरी दबावों के बीच अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम होगा।
किम जोंग-उन ने परीक्षण स्थल पर कहा, “यह उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों और सैनिकों की मेहनत का नतीजा है। उत्तर कोरिया किसी भी खतरे का सामना करने में पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द इस तकनीक को सैन्य अभियानों में शामिल किया जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के लिए सीधी चुनौती है। हाल ही में कोरियाई प्रायद्वीप के आसपास बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच यह परीक्षण क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है।
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र पहले ही उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम पर चिंता जता चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कई बार इस तरह के परीक्षणों को रोकने का प्रस्ताव पारित किया है, लेकिन उत्तर कोरिया अपनी सैन्य नीति को “आत्मरक्षा का अधिकार” बताकर इन पर ध्यान नहीं देता।
विश्लेषकों का कहना है कि नए आईसीबीएम इंजन का परीक्षण न केवल उत्तर कोरिया की तकनीकी प्रगति को दर्शाता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश भी देता है कि प्योंगयांग अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेगा।