अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइली हमलों के बीच ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान जल्द से जल्द परमाणु समझौते पर सहमत हो जाए और अपने परमाणु कार्यक्रम को बंद कर दे। ट्रंप ने कहा कि ईरान के पास यह दूसरा मौका है लड़ाई को और बढ़ने से रोकने का वरना कुछ नहीं बचेगा। वहीं इस्राइल ने ईरान पर हमले जारी रखने की बात कही है। ईरान और इस्राइल के बीच जारी संघर्ष के बीच ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ पश्चिम एशिया के हालात पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने कहा कि उनका ईरान पर हमले में कोई हाथ नहीं है, लेकिन ट्रंप ने कहा कि इस्राइल ने उनके हथियारों का इस्तेमाल करके ही ईरान के परमाणु केंद्रों और बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन केंद्रों पर हमला किया। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘अमेरिका दुनिया में सबसे खतरनाक हथियार बनाता है। इस्राइल के पास ऐसे बहुत सारे हथियार हैं और उन्हें ये भी पता है कि इन हथियारों का कैसे इस्तेमाल करना है।’ इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष छिड़ने के बाद अमेरिका ने अपने युद्धक जहाजों को पश्चिम एशिया में तैनात कर दिया है। ये बदलाव इस्राइल की मदद के लिए किया गया है। अमेरिका का डेस्ट्रॉयर यूएसएस थॉमस हडनर भूमध्यसागर की तरफ रवाना हो गया है। एक और डेस्ट्रॉयर भी पूर्वी भूमध्य सागर की तरफ बढ़ रहा है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि इस्राइल के हमले के बाद अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर चर्चा करना अर्थहीन है। ईरानी विदेश मंत्रालय के इस बयान से रविवार को दोनों देशों के बीच ओमान में होने वाली बैठक खटाई में पड़ गई है। हालांकि मंत्रालय को बातचीत को पूरी तरह से खारिज नहीं किया। मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने कहा कि अमेरिका ने जो किया है, उसके बाद बातचीत करना बेकार है। उन्होंने कहा कि इस्राइल ने हमला कर सभी रेड लाइन क्रॉस कर दी हैं।