ईरान ने बुधवार को पुष्टि की कि इस साप्ताहांत पर अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता रोम में होगी। इससे पहले वार्ता के स्थान को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। ईरान ने पहले कहा था कि वार्ता ओमान में होगी। ईरान के सककारी टेलीविजन ने यह जानकारी दी। वार्ता में ओमान मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा।
इस बीच ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने अपने उपराष्ट्रपति मोहम्मद जवाद जरीफ का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। जरीफ 2015 में हुए परमाणु समझौते के मुख्य वार्ताकार थे। राष्ट्रपति ने जरीफ की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सरकार अब कुछ वजहों के कारण जतरफी के अनुभव का लाभ नहीं उठा सकती। नए उपराष्ट्रपति के रूप में मोहसिन इस्माइली की नियुक्ति की गई है, जो एक मध्यमार्गी और कानून विशेषज्ञ माने जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी भी बुधवार को तेहरान पहुंचे। उनके दौरे का मकसद प्रस्तावित समझौते के तहत निरीक्षकों को कितनी पहुंच मिलेगी, इस पर चर्चा करना है। ईरान ने 2018 में अमेरिका के समझौते से बाहर निकलने के बाद आईएईए के निरक्षकों की पहुंच सीमित कर दी थी।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने अमेरिका से आग्रह किया है कि वह वार्ता में विरोधाभासी रुख अपने से बचे। उन्होंने कहा कि यूरेनियम संवर्धन ईरान का अधिकार है और इसे वार्ता का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता। ईरान इस मुद्दे पर भरोसे को बनाने के लिए तैयार है, लेकिन यूरेनियम संवर्धन का अधिकार अपरिवर्तित रहेगा।
दोनों देशों के बीच आधी सदी शत्रुता के बाद यह वार्ता हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर समझौता नहीं हुआ तो ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हवाई हमले किए जा सकते हैं। ईरान ने भी अपने संवर्धित यरेनियम के स्तर को हथियार-श्रेणी के करीब बताते हुए परमाणु हथियार बनाने की धमकी दी है।