मध्य पूर्व की दुनिया में इस बार खतरा जरा गंभीर है। विदेश मंत्रालय के सूत्र भी मान रहे हैं कि ईरान प्रतिक्रिया में कदम उठा सकता है। हिजबुल्ला के प्रमुख हसन नसरल्लाह की इस्राइल को चेतावनी को काफी गंभीर माना जा रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई के सामने भी अपने देश की प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। हालांकि हिजबुल्लाह और ईरान को धमकाने के लिए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने अपने एम्फीबियस क्लास का युद्धक बेड़ा भूमध्य सागर में भेजा है। ताकि इस्राइल को समर्थन दिया जा सके। भारतीय खुफिया और सामरिक विशेषज्ञ मध्य-यूरोप में बड़ी सैन्य कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं करते। सूत्र का कहना है कि हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर पवाद शुक्र को लेबनान के बेरुत में मार गिराने और हमास के टॉप कमांडर इस्माइल हानिया की ईरान के भीतर घुसकर की गई हत्या काफी बड़ा मामला है। इस्माइल हानिया खुद को ईरान में काफी सुरक्षित मान रहे थे। वह ईरान से ही अपना कामकाज कर रहे थे, लेकिन कहा जाता है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के भीतर घुसकर हानिया की हत्या करा दी। हानिया के मारे जाने के संदर्भ में इस्राइल किसी तरह का बयान देने में बच रहा है। हानिया की हत्या ने अमेरिका के भी कान खड़े कर दिए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बड़े दिन बाद अमेरिका का युद्धक बेडा भूमध्य सागर में पहुंचा है। अमेरिका के इस युद्धक बेड़े में उसके तीन जहाज यूएसएस वास्प, यूएसएस ओक हिल, यूएसएस न्यूयार्क शामिल हैं। पिछले साल अक्तूबर महीने में जैसे ही मध्य पूर्व के हालात तनावपूर्ण हुए थे, अमेरिका ने अपने यूएसएस फोर्ड को भेजने में जरा भी देरी नहीं की थी। लाल सागर में भी उसके सैन्य बेडे नें मोर्चा संभाल लिया था। इसके चलते इस्राइल ने 7 अक्तूबर 2023 को हमास के ठिकाने पर सैन्य आपरेशन चलाया था। अमेरिका और ब्रिटेन के युद्धपोतों के कारण हिजबुल्लाह, ईरान और अन्य कोई बड़ी हिमाकत नहीं कर सके थे।