अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गाजा पर कब्जे की योजना का समर्थन किया है। हालांकि इस्राइल की इस योजना की आलोचना भी हो रही है। यही वजह है कि ट्रंप ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह इस्राइल की योजना है न कि अमेरिका की। अमेरिका के एक मीडिया संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप ने गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने के लिए समर्पित रहने की बात कही, लेकिन इस्राइल के गाजा में ऑपरेशन की आलोचना भी नहीं की। हाल ही में अपने एक बयान में ट्रंप ने इस्राइल के गाजा प्लान पर कहा कि ‘मैं इस बारे में ज्यादा नहीं कह सकता, ये इस्राइल पर निर्भर करता है।’ गौरतलब है कि गाजा पर कब्जे की इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की योजना को इस्राइल सरकार की सुरक्षा परिषद भी मंजूरी दे चुकी है। हालांकि इस्राइल की इस योजना का भारी विरोध भी हो रहा है। इस्राइल के कई सहयोगी देशों ने भी इसकी आलोचना की है। कई यूरोपीय, अरब और खाड़ी देशों ने इस्राइल की योजना से नाराजगी जाहिर की है और इसके चलते इस्राइल के अकेला पड़ने की आशंका है। जर्मनी ने तो इस्राइल को हथियारों की आपूर्ति रोकने का एलान कर दिया है। इसी तरह फ्रांस, कनाडा और ब्रिटेन ने भी इस्राइल के गाजा पर कब्जे के प्लान का विरोध किया है और इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग की है। इस्राइल में भी इसका विरोध हो रहा है और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।
आलोचनाओं के बावजूद नेतन्याहू पीछे हटने को तैयार नहीं
वहीं आलोचनाओं से बेपरवाह इस्राइली पीएम नेतन्याहू का कहना है कि हम गाजा पर कब्जा नहीं करने जा रहे, हम सिर्फ गाजा को हमास से आजाद कराएंगे। नेतन्याहू ने कहा कि हम गाजा में नागरिक प्रशासन की स्थापना करेंगे, जिससे क्षेत्र में शांति आ सके और इस्राइल के लिए भी कोई खतरा न रहे। इस्राइल के सेना प्रमुख इयाल जामिल ने भी अपनी सरकार के फैसले की आलोचना की और चेतावनी दी कि इससे इस्राइल गाजा में लंबे समय तक फंस सकता है। इस्राइल में विपक्षी दल भी सरकार के फैसले की आलोचना कर रहे हैं।