पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जेल में मुलाकात न होने पर उनकी बहन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इमरान खान की बहन, जो लंबे समय से मुलाकात की अनुमति न मिलने का आरोप लगाती रही हैं, ने अब हाईकोर्ट में एक औपचारिक याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि जेल प्रशासन को मुलाकात की अनुमति देने के स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं।
याचिका में कहा गया है कि जेल प्रशासन बिना किसी ठोस कारण के लगातार समय निकाल रहा है और परिवार को पूर्व प्रधानमंत्री की वास्तविक स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी जा रही। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कई बार लिखित आवेदन और अनुरोध भेजने के बावजूद मुलाकात की मंजूरी नहीं मिली है। उनका कहना है कि यह न केवल परिवार के अधिकारों का हनन है, बल्कि कानून और जेल मैनुअल के भी खिलाफ है।
दायर याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि इमरान खान की सेहत को लेकर परिवार बेहद चिंतित है। लंबे समय से चल रहे मुकदमों और जेल में उनकी स्थितियों को देखते हुए परिवार नियमित मुलाकात का हकदार है। याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने यह सवाल भी रखा कि आखिरकार पिछले कुछ महीनों से मुलाकात पर रोक क्यों लगी हुई है, जबकि कानून के अनुसार परिवार को निर्धारित अवधि में मुलाकात का अधिकार है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत ने पूछा है कि इमरान खान से मुलाकात की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही और क्या इसके पीछे कोई विशेष सुरक्षा या प्रशासनिक कारण है।
इस याचिका के दायर होने के बाद पाकिस्तान की सियासत में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने भी इसे सरकार द्वारा ‘राजनीतिक प्रताड़ना’ करार देते हुए कहा है कि परिवार को मुलाकात से रोकना अमानवीय है और यह पूरी तरह राजनीतिक दबाव का परिणाम लगता है।
फिलहाल अदालत अगली सुनवाई में जेल प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी। परिवार और समर्थकों की नजरें अब अदालत के निर्णय पर टिकी हैं।





