रांची: झारखंड के प्रशासनिक गलियारों से आज एक गौरवशाली खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी तदाशा मिश्रा को प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। इसके साथ ही तदाशा मिश्रा झारखंड के पुलिस इतिहास में इस सर्वोच्च पद तक पहुँचने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। सरकार का यह फैसला उनके शानदार करियर और पुलिस विभाग के प्रति उनके समर्पण का सम्मान माना जा रहा है।
रिटायरमेंट से ठीक पहले मिला सम्मान
तदाशा मिश्रा की नियुक्ति की सबसे खास बात यह है कि उन्हें यह जिम्मेदारी उनके रिटायरमेंट से ठीक एक दिन पहले सौंपी गई है। प्रशासनिक हलकों में इसे सरकार द्वारा दिया गया एक बड़ा ‘तोहफा’ और सम्मान माना जा रहा है। 1989 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा कल अपने पद से सेवानिवृत्त होने वाली हैं, लेकिन उससे पहले पुलिस प्रमुख का पद संभालकर उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
अनुभवों से भरा शानदार करियर
तदाशा मिश्रा को एक बेहद सख्त और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में जाना जाता है। अपने लंबे करियर के दौरान उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं:
- सुरक्षा और अपराध नियंत्रण: उन्होंने राज्य में उग्रवाद विरोधी अभियानों और अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग: एसीबी (ACB) जैसे विभागों में रहते हुए उन्होंने कई बड़े भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा किया।
- महिला सशक्तिकरण की मिसाल: एक महिला अधिकारी के तौर पर उन्होंने हमेशा पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनकी समस्याओं के समाधान पर जोर दिया।
पुलिस बल में हर्ष की लहर
तदाशा मिश्रा की नियुक्ति की घोषणा होते ही झारखंड पुलिस मुख्यालय में खुशी का माहौल देखा गया। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर बताया है। महिला पुलिसकर्मियों के बीच इस फैसले को लेकर विशेष उत्साह है, क्योंकि यह पद इस बात का प्रमाण है कि योग्यता और मेहनत के बल पर कोई भी शिखर छुआ जा सकता है।
मुख्यमंत्री का संदेश
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस नियुक्ति को राज्य की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बताया है। सरकार का मानना है कि तदाशा मिश्रा को अंतिम समय में यह पद देना उनके वर्षों के संघर्ष और ईमानदारी के प्रति एक उचित सम्मान है। यद्यपि उनका कार्यकाल बहुत छोटा होगा, लेकिन उनका नाम झारखंड पुलिस के इतिहास में सदैव के लिए ‘पहली महिला डीजीपी’ के रूप में अंकित हो गया है।





