इंडिगो के संचालन संकट के बीच पायलटों ने कंपनी प्रबंधन पर सीधे और गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एयरलाइन के सैकड़ों पायलटों की ओर से जारी एक खुले पत्र में सीईओ पीटर एल्बस सहित शीर्ष प्रबंधन पर कुप्रबंधन, गलत निर्णयों और मानव संसाधन से जुड़े मुद्दों की अनदेखी जैसे आरोप लगाए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों से परिचालन लगातार प्रभावित हो रहा है, लेकिन प्रबंधन स्थिति को सुधारने के बजाय जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।
पायलटों ने आरोप लगाया है कि कंपनी के भीतर संवाद व्यवस्था बेहद कमजोर हो चुकी है, जिसके कारण कर्मचारियों की समस्याएं न तो सुनी जाती हैं और न ही उनका समाधान किया जाता है। पत्र के अनुसार, इंडिगो के तीव्र विस्तार के दौरान जरूरी तैयारियों को नजरअंदाज किया गया, जिसका असर आज उड़ानों के संचालन, स्टाफ की उपलब्धता और यात्रियों की सुविधा पर साफ देखा जा सकता है। पायलटों ने कहा कि प्रबंधन के गलत फैसलों के कारण स्टाफ पर अतिरिक्त दबाव बढ़ा है और कामकाज की गुणवत्ता पर भी इसका गहरा असर पड़ा है।
खुले पत्र में पायलटों ने चेतावनी दी है कि यदि शीर्ष प्रबंधन ने समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन की विश्वसनीयता और यात्रियों के भरोसे को बनाए रखने के लिए तुरंत सुधारात्मक कदम उठाना आवश्यक है। पायलटों ने यह भी आग्रह किया कि कर्मचारियों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया जाए ताकि संचालन से जुड़े मुद्दों का वास्तविक समाधान ढूंढा जा सके।
इंडिगो के इस संकट ने विमानन क्षेत्र में व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कर्मचारियों का कहना है कि एयरलाइन की सफलता का श्रेय केवल प्रबंधन को नहीं, बल्कि पायलटों, क्रू और ग्राउंड स्टाफ सभी की संयुक्त मेहनत को जाता है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि नेतृत्व टीम कर्मचारियों की आवाज सुने और कंपनी को स्थिरता की ओर ले जाने के लिए सामूहिक प्रयासों को प्राथमिकता दे।





