मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से राज्य में आजीविका से जुड़ी योजनाओं के संचालन से महिलाओं की आय में हुई बढ़ोतरी की रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने आजीविका आधारित सभी योजनाओं की आउटपुट मॉनिटरिंग करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं के संबंध नियमित डेटा जुटाया जाए।उन्होंने सीमांत गांवों के विकास के लिए 83 योजनाओं को मंजूरी दी। इसमें ऊधमसिंह नगर में 12, उत्तरकाशी में 14, चमोली में 12, चंपावत में 24 और पिथौरागढ़ में 21 योजनाएं शामिल हैं। सचिवालय में आयोजित मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एमबीएडीपी) और मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना (एमपीआरवाई) की राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में उन्होंने प्रत्येक योजनाओं की समीक्षा की।इन योजनाओं में अधिकतर पैकेजिंग मशीन यूनिट स्थापना, हैंडलूम प्रशिक्षण, मिनी स्पाइस मिल, कीवी, मशरूम क्लस्टर विकास, पौध नर्सरी निर्माण, पुष्प उत्पादन, स्थानीय उत्पादों के उत्पादन, डेयरी यूनिट स्थापित करने से संबंधित योजनाएं शामिल थीं।मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत अल्मोड़ा के लिए 10 योजनाओं, ऊधमसिंह नगर के लिए दो, उत्तरकाशी के लिए चार, चमोली के लिए तीन, चंपावत के लिए 29, टिहरी के लिए 16, देहरादून के लिए छह, नैनीताल के लिए छह, पिथौरागढ़ के लिए चार, पौड़ी के लिए 16, बागेश्वर के लिए 13 और रुद्रप्रयाग के लिए आठ योजनाओं को अनुमोदन दिया।