अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हो गई है। विपक्षी सांसदों ने ट्रंप पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका के एक अहम वैश्विक साझेदार को खो दिया है। इसी क्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक तस्वीर साझा कर यह संदेश देने की कोशिश की कि दुनिया में बदलते कूटनीतिक समीकरणों के बीच अमेरिका को अपने संबंधों को लेकर अधिक सतर्क और संतुलित होना चाहिए।
विपक्षी सांसदों का कहना है कि ट्रंप की टिप्पणी न सिर्फ गैर-ज़िम्मेदाराना है, बल्कि इससे अमेरिका की विदेश नीति और रणनीतिक साझेदारियों पर भी सवाल उठते हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत आज वैश्विक पटल पर एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभर रहा है और ऐसे में अमेरिका का भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना बेहद अहम है। सांसदों ने आगे आरोप लगाया कि ट्रंप की राजनीतिक बयानबाज़ी से अमेरिका की कूटनीतिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
मीडिया में वायरल हुई मोदी-पुतिन की तस्वीर का उल्लेख करते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि भारत अपने हितों के अनुसार स्वतंत्र विदेश नीति अपनाता है, और ऐसे में अमेरिका को भी भारत के महत्व को समझते हुए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक माहौल में भारत जैसे देशों के साथ भरोसेमंद साझेदारी अमेरिका के लिए अनिवार्य है।
सांसदों का यह भी कहना है कि ट्रंप अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे बयान देते हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका वैश्विक मंच पर अपनी साख बनाए रखना चाहता है, तो उसे साझेदार देशों के साथ सम्मानजनक और संवेदनशील व्यवहार करना होगा।





