गुवाहाटी। असम सरकार राज्य में लव जिहाद और बहुविवाह के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को घोषणा की कि इन दोनों मुद्दों पर राज्य सरकार जल्द ही विधानसभा के आगामी सत्र में विधेयक पेश करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य राज्य में महिलाओं के शोषण, छलपूर्वक विवाह और धार्मिक रूपांतरण जैसे मामलों पर सख्ती से रोक लगाना है।
“समाज में छल और धोखे की जगह नहीं” – CM सरमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार महिलाओं के सम्मान और सामाजिक संतुलन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम ऐसे लोगों को बख्शेंगे नहीं जो धर्म के नाम पर छल कर विवाह करते हैं या एक से अधिक विवाह कर कानून का दुरुपयोग करते हैं। समाज में ऐसे अपराधों के खिलाफ अब निर्णायक कार्रवाई का समय आ गया है।”
सरमा ने यह भी कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) की भावना के अनुरूप यह विधेयक तैयार किया जाएगा, जिससे सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी ढांचा सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गृह विभाग और विधि विभाग ने मिलकर विधेयक का प्रारूप तैयार करना शुरू कर दिया है। प्रस्तावित कानून में लव जिहाद और बहुविवाह जैसे मामलों के लिए कड़ी सजा, त्वरित जांच और न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता के प्रावधान होंगे।
राज्य सरकार अन्य राज्यों — उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश — में लागू समान कानूनों का अध्ययन भी कर रही है ताकि असम में एक प्रभावी और व्यावहारिक कानून लागू किया जा सके।
विधानसभा में विपक्षी दलों ने कहा है कि सरकार को इस विधेयक को पेश करने से पहले सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से विचार-विमर्श करना चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसी समुदाय को निशाना बनाने के बजाय कानून का उद्देश्य समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करना होना चाहिए।
राज्य सरकार का कहना है कि यह कानून महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को केंद्र में रखकर तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में अब तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पहचान छिपाकर विवाह या बहुविवाह के जरिए महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की गई। नई कानून व्यवस्था ऐसे अपराधों के खिलाफ मजबूत कानूनी ढाल बनेगी।
सरकार विधेयक लाने के साथ ही जनजागरूकता अभियान शुरू करने की तैयारी में है। इसमें स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर समाज को इस विषय पर संवेदनशील बनाने की पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि “असम एक प्रगतिशील राज्य है, जहां महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी प्रकार का छल या बहुविवाह अब कानून की पकड़ से बाहर न रहे।”
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा सत्र में पेश किया जा सकता है। अगर इसे सदन की मंजूरी मिलती है, तो असम देश का एक और ऐसा राज्य बन जाएगा जिसने लव जिहाद और बहुविवाह के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान लागू किए हैं।





