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पहाड़ी इलाकों में बदला मौसम

उत्तराखंड में आज भी मौसम बदला हुआ है। पहाड़...

औली में बर्फ न होने से स्की एंड स्नो बोर्ड चैंपियनशिप स्थगित

औली में 16 से 19 मार्च तक प्रस्तावित स्की...

रंगों में सराबोर देवभूमि

उत्तराखंड में जगह-जगह होली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ...

परिवहन निगम की ओर से चारधाम यात्रा को लेकर तैयारी शुरू

चारधाम यात्रा को देखते हुए परिवहन निगम ने अभी...

औली-बदरीनाथ सहित ऊंचाई वाले स्थानों में बर्फबारी

उत्तराखंड में आज औली-बदरीनाथ यमुनोत्री सहित ऊंचाई वाले इलाकों...

देवभूमि

कुमाऊं : कैसे हुआ नामकरण

इस प्रान्त का नाम कुर्मांचल या कुमाऊं होने के...

रामगंगा नदी घाटी में दबा है ऐतिहासिक शहर! फिर दुनिया के सामने लाने को ASI ने कसी कमर

अल्मोड़ा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा...

नंदा देवी जात यात्रा – देवभूमि की अमृत धारा

नंदा देवी जात यात्रा – देवभूमि की अमृत धारा यात्रा...

व्यक्तितव

वीर सिपाही शहीद केसरी चंद

उत्तराखंड देव भूमि के साथ वीरों की भी भूमि...

डॉ. यशवंत सिंह कठोच

डॉ. यशवंत सिंह कठोच का नाम वैसे तो उत्तराखंड...

सुमित्रानंदन पंत

अमिताभ बच्चन को उनका नाम दिया था कवि सुमित्रानंदन...

Bachendri Pal

Bachendri Pal, (born May 24, 1954, Nakuri, India), Indian...

The World of Raghu Rai: His Photography & Life

It was a picture of a donkey that started...

ताना-बाना

उत्तराखंड में हुए एक सीक्रेट मिशन का खतरा आज भी बरकरार

बात 1965 की है,  जब वियतनाम युद्ध तेज हो रहा...

पनीर ने रोका पलायन : रौतू कीबेली गाँव

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बसे गाँवों में रोज़गार...

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Sunday, March 16, 2025

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अलकनंदा और पिंडर नदी के संभावित अवरोधों की होगी खोज

माणा में भारी हिमस्खलन के बाद प्रदेश सरकार ने गंगा की प्रमुख सहायक नदियों अलकनंदा और पिंडर नदी के संभावित अवरोधों की खोज कराने का फैसला लिया है। इसके लिए दोनों नदियों के उच्च क्षेत्र में सर्वेक्षण कराया जाएगा। सचिव (आपदा प्रबंधन) विनोद कुमार सुमन ने जीएसआई के उप महानिदेशक, वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान और आईआईआरएस के निदेशक को इसके लिए पत्र लिखा है। सर्वेक्षण कार्य में लोनिवि और सिंचाई विभाग भी शामिल रहेंगे। बीती 28 फरवरी को सीमांत जिले चमोली के माणा क्षेत्र में भारी बर्फबारी और हिमस्खलन हुआ था। इसकी चपेट में 55 श्रमिक आ गए थे। इस हादसे में आठ श्रमिकों की मौत हो गई थी। हिमस्खलन के कारणों के बारे में सरकार को ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुईं कि अलकनंदा नदी में कई स्थानों पर नदी के बहाव में अवरोध आने जैसी समस्याएं हैं। सचिव आपदा प्रबंधन ने पत्र में कहा है कि जोशीमठ के ऊपरी भाग में बदरीनाथ और माणा की ओर नदी के अवरूद्ध होने व इसके कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका का अध्ययन कराना जरूरी है।उन्होंने पिंडर नदी के ऊपरी भाग में भी बहाव के अवरूद्ध होने जैसी परिस्थितियां पैदा होने की आशंका व्यक्त की है। सचिव ने सभी संस्थानों से सर्वेक्षण का काम जल्द शुरू करने का अनुरोध किया है। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक डॉ.शांतनु सरकार संस्थानों के साथ सहयोगी की भूमिका में होंगे।सचिव आपदा प्रबंधन ने दोनों नदियों के ऊंचाई वाले स्थानों में तीन तरह से सर्वे कराने की अपेक्षा की है। पहला तरीका नदियों के अवरोध स्थलों की पहचान के लिए हाई रेज्युलेशन सेटेलाइट तस्वीरों का उपयोग होगा। दूसरा तरीका फील्ड सर्वे का होगा। सचिव ने कहा है कि जहां तक संभव हो, पांचों संस्थाओं की टीम स्थलीय निरीक्षण भी कर सकती है। तीसरा तरीका हवाई सर्वेक्षण हो सकता है। हेलिकॉप्टर की व्यवस्था आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से होगी।

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