अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन एक नई योजना शुरू कर रहा है, जिसके तहत कुछ विदेशी नागरिकों को अमेरिका आने से पहले 15,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹12.5 लाख रुपये) तक का जमानती बॉन्ड जमा करना पड़ सकता है। यह योजना उन लोगों पर लागू होगी जो टूरिस्ट (बी-2) या बिजनेस (बी-1) वीजा पर अमेरिका आते हैं। यह नियम उन देशों के नागरिकों पर लागू हो सकता है। जहां से आने वाले लोगों के वीजा ओवरस्टे (यानी तय समय से ज्यादा रुकना) के मामले ज्यादा होते हैं। जहां नागरिकता आसानी से दी जाती है, जैसे कि बिना वहां रहने की शर्त के निवेश द्वारा नागरिकता के जरिए होती है। या जहां की स्क्रीनिंग और जांच प्रणाली कमजोर मानी जाती है। हालांकि अमेरिका ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि किन-किन देशों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। लेकिन कहा गया है कि योजना लागू होने से कम से कम 15 दिन पहले देशों की सूची जारी की जाएगी।
कितनी जमानती राशि, कब और कितने समय के होगी लागू?
इस मामले में कांसुलर अधिकारी यह तय करेंगे कि किस आवेदक को कितनी राशि की जमानत देनी है। जानकारी के मुताबिक, यह राशि अधिकतम 15,000 डॉलर तक हो सकती है। और अगर व्यक्ति तय समय पर अमेरिका से लौट जाता है, तो यह राशि वापस कर दी जाएगी। अमेरिका में यह योजना इस महीने (अगस्त 2025) से शुरू हो रही है। इसका परीक्षण 12 महीने तक चलेगा और 5 अगस्त 2026 तक प्रभावी रहेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है वीजा ओवरस्टे को रोकना। अमेरिका के अनुसार, हर साल लाखों लोग तय समय से ज्यादा रुकते हैं, जो कि एक राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बनता जा रहा है। इस योजना से अमेरिका विदेशी सरकारों को यह संदेश देना चाहता है कि वे अपने नागरिकों को अमेरिका में कानूनों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में करीब पांच लाख से ज्यादा लोग अमेरिका में ओवरस्टे कर गए थे।