अमेरिका ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से भारत और चीन सैनिकों की वापसी का स्वागत किया है। सैनिकों के पीछे हटने से दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वाशिंगटन स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने इस मामले में भारतीय पक्ष के साथ चर्चा की है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने इस समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई है।मैथ्यू मिलर ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) को संवाददातों से बात करते हुए कहा, ‘हम इस मामले पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमें पता है कि दोनों देशों ने एलएसी पर तनाव बिंदुओं से सैनिकों को हटाने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव कम होने का स्वागत करते हैं। हमने अपने भारतीय साझेदारों से बात की है और इस पर जानकारी ली है, लेकिन हमने इस प्रस्ताव में कोई भूमिका नहीं निभाई है।’इस बीच, रक्षा सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के देपसांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की वापसी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। भारत और चीन की सेनाएं वहां पदों को खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने की पुष्टि कर रही हैं। भारत लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद को हल करने के लिए काम कर रहा है, ताकि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल हो सके।
शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि दोनों देशों के सीमावर्ती सैनिक सीमा मुद्दों पर हालिया समझौते के अनुसार संबंधित कार्य में लगे हुए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘सीमा मुद्दों पर हालिया समझौते के अनुसार, चीनी और भारतीय सीमावर्ती सैनिक वर्तमान में सुचारू रूप से प्रगति करते हुए प्रासंगिक कार्य में लगे हुए हैं।’
21 अक्तूबर को, भारत ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ गश्त के लिए समझौता करने की घोषणा की, जिससे चार साल से अधिक समय से चला आ रहा सैन्य गतिरोध समाप्त हो गया। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त व्यवस्था पर समझौते का स्वागत किया।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिसमें दावा किया गया है कि भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच अमेरिका भारतीय राजनयिकों को ‘निष्कासित’ करने पर विचार कर रहा है। मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में मिलर ने कहा, उन्हें ऐसी किसी भी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है। भारतीय राजनयिकों के निष्कासन से जुड़ी किसी खबर या किसी निष्कासन के बारे में जानकारी नहीं है।