केदारनाथ रेस्क्यू को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव अभियान लगभग पूरा हो चुका है और अधिकांश लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। अब हमारी प्राथमिकता जल्द से जल्द यात्रा को फिर से शुरू करना है।
सीएम धामी ने कहा कि हमें सभी एजेंसियों का सहयोग मिल रहा है। राज्य सरकार की सभी एजेंसियां काम कर रही हैं। सामाजिक संगठनों के लोग, सभी ने आगे आकर इस पूरे अभियान में मदद की है। सभी चाहते हैं कि यात्रा जल्द से जल्द शुरू हो, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त जबकि 16 स्थानों पर पूरी तरह से बह गया है। लोक निर्माण विभाग ने रास्ते की मरम्मत के लिए 230 मजदूर लगाए हैं। संवेदनशील स्थानों पर मजदूर खाई में उतरकर खुदाई कर रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग पैदल मार्ग को दुरस्त करने में जुट गया है। जहां पर रास्ता पूरी तरह से वॉशआउट हुआ है, वहां पर मजदूर खाई में उतरकर पुश्ता निर्माण के लिए खुदाई कर रस्सों के सहारे बुनियाद रख रहे हैं। इन स्थानों पर हल्की सी चूक जान पर भारी पड़ सकती है।
बता दें कि 31 जुलाई की देर शाम को अतिवृष्टि से केदारनाथ पैदल मार्ग गौरीकुंड से लिनचोली तक व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां 11 किमी के दायरे में रास्ता 16 स्थानों पर दो मीटर से 25 मीटर तक पूरी तरह से वॉशआउट हो रखा है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर पुश्ता ढहने, मिट्टी कटान व भूस्खलन से मार्ग को क्षति पहुंची है।