बांग्लादेश में जो सोमवार को हुआ, भारत के पड़ोस में ऐसे दृश्य 2021 में अफगानिस्तान और 2022 में श्रीलंका में देखे गए। हालांकि, तीनों देशों से वहां के नेताओं के भागकर सुरक्षित स्थानों के लिए रवाना होने की परिस्थितियां और कारण बहुत अलग हैं। हालांकि, भीड़ और दृश्य एक जैसे हैं, जहां सत्ता के शीर्ष संस्थानों को भीड़ रौंदती दिखती है। बहरहाल, भारत और दुनिया के लिए बांग्लादेश में पैदा हुई नई परिस्थितियों का व्यापक असर हो सकता है। भारत का पाकिस्तान के साथ सीमा पर पहले से ही तनाव है। चीन के साथ एलएसी पर गतिरोध जारी है। म्यांमार में जारी उथल-पुथल की वजह से पूर्वोत्तर भारत में समस्याएं हैं। बांग्लादेश में यह बदलाव भारत के लिए सीमापार आतंक, घुसपैठ और तस्करी की चुनौतियां बढ़ाएगा। फिलहाल, बांग्लादेश की सेना ने सत्ता की कमान अपने हाथ में ले ली है। सेना प्रमुख के एलान के मुताबिक एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाई जा रही है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि संसद भंग कर अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में बंगभवन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। राष्ट्रपति ने कहा, संसद को भंग कर जल्द से जल्द अंतरिम सरकार बनाने का फैसला लिया गया है। मौजूदा अराजक स्थिति को सामान्य करने के लिए सेना भी कदम उठाएगी। राष्ट्रपति ने विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी छात्रों को रिहा करने का आदेश भी दिया।





