लद्दाख में 2019 से अब तक 1,670 किमी नई सड़कें बनीं, पर्यटन को मिला बढ़ावा
लोकसभा में मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने जानकारी दी कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत इस्पात, एल्युमीनियम और उनसे संबंधित मूल उत्पादों पर लगे शुल्कों के विषय में भारत के परामर्श अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।
अमेरिका का तर्क है कि इन शुल्कों को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लागू किया गया है, जबकि भारत का कहना है कि ये उपाय डब्ल्यूटीओ के सुरक्षा अपवाद समझौते (AOS) के तहत आने चाहिए थे और इन पर परामर्श अनिवार्य था। मंत्री ने कहा कि भारत ने इस स्थिति में समतुल्य रियायतों को निलंबित करने का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखा है।
प्रसाद ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार वार्ताओं में किसानों और घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा हेतु संवेदनशील, नकारात्मक या बहिष्कृत सूचियों को शामिल करने की अनुमति दी जाती है।
OCI ढांचे में कोई विस्तार प्रस्ताव नहीं
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सरकार ने स्पष्ट किया कि ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारकों के लिए संपत्ति अधिकार, मतदान का अधिकार, या सरलीकृत पुन: नागरिकता प्रक्रिया को शामिल करने को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
लद्दाख में बर्फ के बीच भी सुगम सड़क संपर्क, पर्यटन को मिला बल
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद से अब तक 1,670 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया गया है। भारी बर्फबारी के दौरान भी सड़क संपर्क बनाए रखने के लिए बर्फ हटाने वाली मशीनें क्षेत्र में तैनात की गई हैं। साथ ही विभिन्न स्थानों पर हेलीपैड भी स्थापित किए गए हैं।
मंत्री के अनुसार, बेहतर कनेक्टिविटी ने लद्दाख के पर्यटन क्षेत्र को उल्लेखनीय बढ़ावा दिया है। यात्राओं का समय घटा है और नए पर्यटन स्थल सामने आए हैं।
पर्यटक आगमन के आँकड़े
• 2019 (UT बनने से पूर्व): 2,79,937
• 2022: 5,31,396
• 2023: 5,25,374
• 2024: 3,76,386 (अब तक)
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर स्वतंत्र केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।