अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इस्राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मार कर हत्या करने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया जा रहा है। इस हत्याकांड को एफबीआई के फील्ड ऑफिस से कुछ कदम की दूरी पर स्थित कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास अंजाम दिया गया। मामले में होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने बताया कि वॉशिंगटन में इस्राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की बुधवार शाम को यहूदी संग्रहालय के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं, इस्राइली विदेश मंत्री ने वॉशिंगटन डीसी में मारे गए इस्राइली कर्मियों की पहचान यारोन लिस्चिंस्की और सारा मिलग्रिम के रूप में की है।
वहीं वर्जीनिया में रहने वाली यहूदी डेबी ग्रीनबर्ग कहती हैं, ‘जब मैंने यह खबर देखी तो मैं भयभीत और स्तब्ध रह गई… मैं इस्राइल-फलस्तीन युद्ध पर करीब से नजर रख रही हूं और अब यह हमारी सड़कों तक पहुंच गया है… मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि यह अमेरिका तक आ गया है। 7 अक्तूबर (2023) से हम एक अलग दुनिया में रह रहे हैं।’
जबकि, एक गैर सरकारी संगठन के साथ काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता मारिया चार्नॉक कहती हैं, ‘इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि अमेरिका में यहूदी विरोधी कुछ हुआ… मैं क्रोधित और दुखी थी… यह बहुत मूर्खतापूर्ण है कि यहां ऐसा कुछ हुआ’।
वहीं इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले पर बात करते हुए पाकिस्तानी अमेरिकी हिना अख्तर ने कहा कि वह राजधानी यहूदी संग्रहालय के बाहर दो इस्राइली दूतावास कर्मचारियों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल थीं। उन्होंने कहा, ‘मैं आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ हूं…जो कोई भी किसी व्यक्ति की हत्या करता है, वह अपने धर्म का सच्चा प्रतिनिधि नहीं है…मैं उस हमले के खिलाफ हूं, यह मानवता की हत्या थी। यह उचित नहीं है…लोग मर रहे हैं और हमें इसे खत्म करने की जरूरत है।’
अमेरिका में इस्राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने राजधानी स्थित इस्राइली दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है। घटना के बाद से दूतावास के बाहर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही आसपास के इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। आसपास के इलाके में बैरिकेड लगाकर आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। घटना के बाद दुनियाभर में इस्राइली दूतावास की सुरक्षा बढ़ाई गई है।