भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सोमवार को एक क्लोज डोर मीटिंग आयोजित की गई। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव को “वर्षों में सबसे गंभीर” बताते हुए गहरी चिंता जताई थी।
बैठक पाकिस्तान के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद के कंसल्टेशन रूम में आयोजित हुई, जहां आमतौर पर संवेदनशील और गोपनीय चर्चाएं की जाती हैं। गुटेरेस ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए नागरिकों को निशाना बनाए जाने को अस्वीकार्य बताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और सैन्य टकराव से बचने की अपील की। गुटेरेस ने कहा, “अब वक्त है कि भारत और पाकिस्तान पीछे हटें और संवाद का रास्ता अपनाएं। सैन्य समाधान कोई विकल्प नहीं है।”
भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इस बैठक को पाकिस्तान द्वारा ‘धारणाएं गढ़ने’ की कोशिश बताया और स्पष्ट किया कि इससे किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।
पाकिस्तान के यूएन में स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने बैठक को सफल बताते हुए दावा किया कि उनके अधिकांश उद्देश्य पूरे हो गए। उन्होंने कहा कि कई सदस्य देशों ने कश्मीर सहित सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान पर सहमति जताई।
इफ्तिखार ने भारत पर पहलगाम हमले का गलत आरोप लगाने और सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारत ने अभी तक इस बैठक पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है और भारत इसका कड़ा जवाब देगा।