अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। यह मुलाकात पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के बाद समर्थन का प्रदर्शन था। पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी मोहम्मद यूनुस की सराहना की। बता दें कि अगस्त में शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर भागने के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश द्वारा अपने नए सुधार एजेंडे को लागू करने पर अमेरिका निरंतर समर्थन करेगा। बयान में आगे कहा गया कि अमेरिका-बांग्लादेश के संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित है। बांग्लादेशी अधिकारी ने एक रीडआउट जारी कर कहा कि मोहम्मद यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया कि कैसे छात्रों ने पिछली सरकार के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाया और बांग्लादेश के पुनर्निर्माण में अपना जीवन लगा दिया। अब अंतरिम सरकार को देश के पुनर्निर्माण में अमेरिकी मदद की आवश्यकता होगी। इस दौरान यूनुस ने राष्ट्रपति बाइडन को छात्रों द्वारा बनाई गईं पेंटिंग वाली पुस्तक भेंट दी। मोहम्मत यूनुस को क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव की वार्षिक बैठक में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया। इस बैठक में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कहा, “इस ग्रह में कुछ ही लोग ऐने आम लोगों के जीवन को बदलने के लिए इतना कुछ किया है, जिनकी कभी भी ऋण तक पहुंच नहीं होती।”
क्लिंटन ने आगे कहा, “आप (यूनुस) एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें मैं जानता हूं। जिन्हें उनके देश के युवाओं ने प्रतिष्ठित पद के लिए नियुक्त किया है।” मोहम्मद यूनुस ने अपने ऊपर विश्वास करने अमेरिका में एक बांग्लादेशी अर्थशास्त्री के विचारों को बढ़ावा देने के लिए आलोचना के बावजूद उनके साथ खड़े रहने के लिए बिल क्लिंटन का धन्यवाद किया। उन्होंने युवा बांग्लादेशी क्रांतिकारियों को भी श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने के दौरान उन्होंने कहा, “वे ही नया बांग्लादेश बना रहे हैं। आइए उनकी कामयाबी का की कामना करें।”
बता दें कि शेख हसीना की सरकार पर बड़े पैमाने पर अधिकार हनन का आरोप लगाया गया था। इसमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की सामूहिक हिरासत और हत्या भी शामिल थी। उनके पद से हटने तक जारी हिंसा में 450 लोगों की मौत हुई थी। हसीना के देश छोड़कर भारत आने के बाद उनकी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है।