यूसीसी बिल की मंजूरी के बाद, उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण के लिए बेहतर व्यवस्था की जा रही है। सभी जोड़ों को इस कानून के अनुसार पंजीकृत करना होगा, जिनकी शादी 26 मार्च 2010 के बाद हुई है। इसके अलावा, यह भी उल्लेखनीय है कि बिल के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है, और धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार शादी के बाद जोड़े अब खुद ही पंजीकरण कराने के लिए आ रहे हैं। यह बिल अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित करेगा कि सभी विवाह पंजीकृत हों, जो कि विवाहों की सामाजिक और कानूनी सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में विवाह पंजीकरण के लिए बेहतर व्यवस्था कर पृथक डेस्क बनवाई जा रही है। फरवरी में उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल को मंजूरी दी गई। विवाह, तलाक और उत्तराधिकार को लेकर समान नागरिक संहिता वाले इस विधेयक में सभी वर्ग के लोगों के लिए एक समान प्रावधान किया जा रहा है। इस बिल के कानून बनते ही उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोगों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा। 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
यूसीसी लागू होने के बाद छह महीने के भीतर ऐसे सभी जोड़ों को पंजीकरण कराना होगा, जिनकी शादी 26 मार्च 2010 के बाद हुई है। वहीं 2010 से पूर्व हुए विवाह में भी दंपती चाहे तो अपना पंजीकरण करा सकेंगे। यूसीसी का बिल अभी बेशक कानून नहीं बना हो, लेकिन इसके प्रावधानों को देखते हुए लोगों में पहले से जागरूकता आ गई है। धार्मिक रीति-रिवाज से शादी के बाद जोड़े विवाह पंजीकृत कराने के लिए खुद पहुंच रहे हैं।