समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा की योजना जनता के बीच जाकर यह बताने की है कि समान नागरिक संहिता क्यों जरूरी है और इसके क्या लाभ हैं। वहीं इस मामले में कांग्रेस बेहद सतर्क है। पार्टी की तैयारी इस मामले में सरकार और सत्तारूढ़ दल के विरुद्ध खड़े होने और इसे चुनौती देने की ही है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता पर गठित कमेटी ने यूसीसी के लिए अपना मसौदा सरकार को सौंप दिया है। समिति ने बैठकों, परामर्शों, क्षेत्र के दौरे और विशेषज्ञों और जनता के साथ बातचीत के बाद मसौदा तैयार किया। इस प्रक्रिया में 13 महीने से अधिक का समय लगा। जल्द ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन सकता है। इससे पहले गोवा में शुरुआत से ही यह कानून लागू है। शुक्रवार को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई समिति के अंतिम मसौदे को मुख्यमंत्री को सौंप दिया। आगामी दिनों में इसे विधानसभा और राज्यपाल से मंजूरी मिल सकती है और इसके बाद यह कानून बन जाएगा। इस बीच, यूसीसी रिपोर्ट पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राज्य में सबको समान अधिकार प्रदान करने हेतु सदैव संकल्पित हैं।