भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे सक्रिय आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को लेकर पाकिस्तान के रुख में अचानक बदलाव देखा गया है। अमेरिका द्वारा TRF को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) घोषित करने के बाद जहां पाकिस्तान शुरू में आपत्ति जता रहा था, अब वहां के विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिकी निर्णय का स्वागत किया है — लेकिन साथ ही कुछ शर्तों और स्पष्टीकरणों के साथ।
🔹 TRF को लेकर पाकिस्तान का नया बयान
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद इशाक डार ने कहा:
“TRF को आतंकी संगठन घोषित करना अमेरिका का निर्णय है और यदि उनके पास ठोस सबूत हैं तो हम इसका स्वागत करते हैं।”
हालांकि, डार ने यह भी कहा कि:
“TRF को लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ना गलत है। लश्कर अब पाकिस्तान में सक्रिय नहीं है। हमने उसे खत्म कर दिया है, उसके खिलाफ मुकदमे चलाए गए हैं और आतंकी जेल में हैं।”
🔹 पाक संसद में पहले जताई थी आपत्ति
बता दें कि इशाक डार ने इससे पहले पाकिस्तान की संसद में यह बयान दिया था कि संयुक्त राष्ट्र में जब TRF का नाम लेकर पहलगाम हमले की निंदा की गई, तो पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था। डार के अनुसार, “दुनियाभर से फोन आए, लेकिन हमने TRF का नाम जोड़ने को लेकर सहमति नहीं दी।”
🔹 भारत पहले ही TRF को घोषित कर चुका है आतंकी संगठन
भारत ने जनवरी 2023 में ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA)’ के तहत TRF को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था।
TRF की स्थापना 2019 में हुई और तभी से यह संगठन कश्मीर में सुरक्षाबलों, आम नागरिकों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हुए कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है।
🔹 TRF और लश्कर-ए-तैयबा का संबंध
भारत की खुफिया एजेंसियों और कई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया फ्रंट ग्रुप है, जिसे आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अलग पहचान के साथ इस्तेमाल किया जाता है।