Tuesday, July 1, 2025

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TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने जर्मनी में रचाई शादी, BJD नेता बने जीवनसाथी

ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की तेजतर्रार सांसद महुआ मोईत्रा ने 3 मई को गुपचुप तरीके से जर्मनी में शादी कर ली है। उनके जीवनसाथी बने हैं बीजू जनता दल (BJD) के वरिष्ठ नेता पिनाकी मिश्रा।
फिलहाल, अपनी शादी को लेकर न तो महुआ मोईत्रा और न ही पिनाकी मिश्रा की तरफ से कोई बयान सामने आया है और दोनों ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है।
दोनों नेताओं की शादी जर्मनी में हुई है। इस शादी से जुड़ी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें महुआ मोइत्रा मुस्कुराते हुए नजर आ रही हैं। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि तृणमूल सांसद पारंपरिक परिधान और सोने के गहनों से सजी हुई हैं।
हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर न महुआ मोइत्रा और न ही उनकी पार्टी की ओर से कोई बयान सामने आया है। बता दें, महुआ मोइत्रा की निजी जिंदगी पहले भी सुर्खियों में रही है।
महुआ ने डेनमार्क के फाइनेंसर लार्स ब्रोरसन से शादी की थी, जिनसे बाद में उनका तलाक हो गया था। इसके बाद वे तीन सालों तक वकील जय अनंत देहाद्रई के साथ रिश्ते में रहीं। हालांकि, बाद में उन्होंने इसे ‘धोखा खाया प्रेमी’ कहा था।
महुआ का पहला कार्यकाल एक बड़े विवाद की भेंट चढ़ गया था। उन पर आरोप लगे कि उन्होंने गौतम अडानी पर सवाल एक प्रतिद्वंदी बिजनेसमैन के कहने पर उठाए थे।
महुआ मोइत्रा से जुड़े 2023 के कैश-फॉर-क्वेरी विवाद के दौरान उनका रिश्ता सार्वजनिक जांच के दायरे में आया था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के एक हलफनामे का हवाला देते हुए मोइत्रा और मिश्रा के बीच घनिष्ठ संबंध का आरोप लगाया था।
हालांकि, मिश्रा ने तब इन आरोपों से इनकार किया था और उन्हें दुर्भावनापूर्ण और असत्यापित कहा था तथा मानहानि के लिए भाजपा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी भी दी थी।
महुआ मोइत्रा, 12 अक्टूबर 1974 को असम के लबाक में पैदा हुईं एक भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व निवेश बैंकर हैं। उन्होंने 2010 में टीएमसी में शामिल होने से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था।
मोइत्रा ने 2016 से 2019 तक करीमपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया और 2019 में कृष्णानगर से लोकसभा के लिए चुनी गई।
हालांकि, उन्हें अपने राजनीतिक करियर में उथल-पुथल का सामना तब करना पड़ा जब उन्हें 8 दिसंबर, 2023 को कैश-फॉर-क्वेरी मामले में आचार समिति की सिफारिश के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। इस झटके के बावजूद, वह 2024 के आम चुनाव में संसद के लिए फिर से चुनी गईं।

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