टिहरी गढ़वाल के जिला पुस्तकालय में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है, जहां दीमक लगने से करीब सात हजार पुस्तकें पूरी तरह नष्ट हो गईं। बताया जा रहा है कि लंबे समय से रखरखाव और संरक्षण के अभाव में पुस्तकालय की अमूल्य साहित्यिक धरोहर दीमक की भेंट चढ़ गई। स्थानीय लोगों और पाठकों ने इस स्थिति पर गहरी नाराजगी जताते हुए पुस्तकालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि समय रहते कीटनाशक छिड़काव, निरीक्षण और संरक्षण के उपाय किए जाते तो इतनी बड़ी क्षति से बचा जा सकता था। मामले के सामने आने के बाद प्रशासन ने जांच कराने और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात कही है, जबकि पुस्तक प्रेमियों ने नष्ट हुई पुस्तकों के संरक्षण और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस व्यवस्था की मांग की है।
Tehri Garhwal: जिला पुस्तकालय में सात हजार किताबें चट कर गईं दीमक, धरोहर का ऐसा हाल, कार्यप्रणाली पर उठे सवाल





