प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के तहत विभिन्न उद्योगों को अब तक 334.02 करोड़ रुपये की कुल 79 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इसके अतिरिक्त, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश भर में 15 इंडस्ट्री अकाडेमिया सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (डीआईए-सीओई) स्थापित किए हैं। शुक्रवार को लोकसभा में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने अनंत नायक को लिखित में बताया। प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना मेक इन इंडिया डीआरडीओ द्वारा क्रियांवित रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है। केंद्र सरकार ने विभिन्न रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने की योजना को मंजूरी दे दी। रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि उद्योग को अनुदान सहायता के रूप में प्रति परियोजना 50 करोड़ रुपये तक की धनराशि प्रदान की जाती है। डीआरडीओ ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए आईआईएससी बैंगलोर, विभिन्न आईआईटी और केंद्रीय/राज्य विश्वविद्यालयों जैसे संस्थानों में डीआईए-सीओई की स्थापना की है। यह केंद्र अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, अनुसंधान सुविधाओं और बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं। डीआरडीओ का लक्ष्य इन केंद्रों के माध्यम से उत्पाद विकास को आगे बढ़ाने के लिए स्टार्टअप और उद्योगों के साथ प्रभावी सहयोग स्थापित करना है। सरकार ने रक्षा और एयरोस्पेस में प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशंस फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) की भी शुरुआत की। सरकार ने मार्च 2021 में 498.80 करोड़ रुपये के साथ पांच वर्षों के लिए आईडीईएक्स को बढ़ाने की एक योजना शुरू की थी। इस योजना का लक्ष्य लगभग 300 स्टार्टअप, एमएसएमई और व्यक्तिगत इनोवेटर्स के साथ-साथ डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (डीआईओ) के तहत 20 पार्टनर इनक्यूबेटर्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने बताया कि अब तक लगभग 930 करोड़ रुपये की 264 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। 2019 से डीआरडीओ रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में नए विचारों के लिए इनोवेटर्स, उद्यमियों, 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए पैन इंडिया डेयर टू ड्रीम इनोवेशन प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।