देहरादून: उत्तराखंड शासन ने राज्य में चल रहे ‘एसआईआर’ (SIR) प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कार्य प्रणाली में तत्काल तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। शासन द्वारा जारी ताजा दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य की प्रत्येक विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में 31 दिसंबर तक कम से कम 50 प्रतिशत मैपिंग का कार्य पूर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है।
समय सीमा के भीतर लक्ष्य पूरा करने का दबाव मुख्यमंत्री कार्यालय और संबंधित प्रशासनिक विभागों ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के विकास कार्यों और डेटा संग्रहण के लिए यह मैपिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्तमान गति पर असंतोष व्यक्त करते हुए प्रशासन ने कहा है कि वर्ष के अंत तक निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना हर हाल में आवश्यक है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विधानसभा वार टीमों का गठन कर कार्य की दैनिक निगरानी करें।
जमीनी स्तर पर बढ़ेगी टीमों की तैनाती पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए, उन विधानसभाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है जहाँ अभी मैपिंग का प्रतिशत काफी कम है। सरकार का मानना है कि यदि 31 दिसंबर तक 50 प्रतिशत से अधिक मैपिंग सुनिश्चित हो जाती है, तो आगामी वर्ष की शुरुआत में शेष कार्य को गति देना आसान होगा।
लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर गिरेगी गाज शासन ने चेतावनी दी है कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। यदि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में मैपिंग का आंकड़ा तय मानक से कम पाया गया, तो संबंधित विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी और उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
डिजिटल पोर्टल से होगी मॉनिटरिंग इस पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता और गति बनाए रखने के लिए डिजिटल पोर्टल के माध्यम से प्रगति रिपोर्ट साझा करना अनिवार्य किया गया है। इससे देहरादून स्थित मुख्यालय से ही हर विधानसभा की वास्तविक स्थिति की निगरानी की जा सकेगी।




