पाकिस्तान के सियासी गलियारों में लगातार हलचल मची हुई है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के शीर्ष नेता आरिफ अल्वी ने कहा कि उनकी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने सेना को राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए कभी आमंत्रित नहीं किया। हालांकि, अल्वी ने यह बात स्वीकार की कि सेना एकमात्र हितधारक है जिसके साथ सार्थक बातचीत संभव है क्योंकि उसके पास फैसला करने की शक्ति है। अल्वी ने कराची प्रेस क्लब के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मंगलवार को यह टिप्पणी की। राजनीति में सेना की भूमिका की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह एकमात्र हितधारक है जिसके साथ सार्थक बातचीत संभव है। एक सवाल के जवाब में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमने सेना को राजनीति में हस्तक्षेप के लिए कभी आमंत्रित नहीं किया।‘ उन्होंने कहा, ‘इमरान खान उनसे बात करना चाहते हैं, जिनके पास यह फैसला लेने की शक्ति है। क्या आपको लगता है कि जो लोग फॉर्म 47 के जरिए सत्ता में आए हैं, उनके पास देने के लिए कुछ है? उनके साथ बातचीत करना निरर्थक होगा।‘ खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ (पीटीआई) का मानना है कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने फरवरी के चुनावों में अपना जनादेश चुरा लिया और पाकिस्तान मुस्लिम लीग–नवाज (पीएमएल–एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को लाभ पहुंचाने के लिए परिणामों को फॉर्म 47 में बदल दिया गया।





