राजनैतिक गतिरोध का सामना कर रहे दक्षिण कोरिया में प्रधानमंत्री हान के खिलाफ महाभियोग खारिज कर दिया गया है। साथ ही उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में बहाल कर दिया गया है। दक्षिण कोरिया की संवैधानिक अदालत ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। हालांकि अदालत ने राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ अलग से महाभियोग चलाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया है। गौरतलब है कि येओल पर 3 दिसंबर को देश में मार्शल लॉ लगाने के उनके फैसले के कारण नेशनल असेंबली द्वारा महाभियोग लगाया गया है। जिसके बाद उन्हें सत्ता से निलंबित कर दिया गया था। इसी के चलते बने राजनीतिक संकट के बीच विपक्षी सांसदों ने दिसंबर के अंत में हान पर भी विधानसभा द्वारा महाभियोग लगाया था। उप प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री, चोई सांग-मोक, तब से कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम कर रहे थे।संवैधानिक न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसने हान के महाभियोग को पलटने का फैसला किया है, लेकिन उसने अभी तक यून के महाभियोग पर फैसला नहीं सुनाया है। अब ऐसे में अगर न्यायालय यून के महाभियोग को बरकरार रखता है, तो दक्षिण कोरिया को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव कराना होगा। अगर न्यायालय उनके पक्ष में फैसला सुनाता है, तो यून को पद पर बहाल कर दिया जाएगा और उन्हें राष्ट्रपति पद की अपनी शक्तियां वापस मिल जाएंगी।
यून पर हान से करीब दो हफ्ते पहले महाभियोग लगाया गया था। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित हो चुका है। इसके बाद उनको पद से हटा दिया गया था। उनके खिलाफ 204 वोट पड़े, जबकि उनके समर्थन में सिर्फ 85 वोट डाले गए। संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद उनकी शक्तियां तत्काल रूप से निलंबित हो गईं थीं। बाद में यून को गिरफ़्तार भी किया गया। फिर 8 मार्च को, सियोल की एक जिला अदालत द्वारा उसे हिरासत में लिए बिना आपराधिक मुकदमे का सामना करने की अनुमति दिए जाने के बाद, यून को जेल से रिहा कर दिया गया