Saturday, December 21, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

NRC की जगह AFSPA, कश्मीर पर भी अब नया रुख

बीते पांच साल में कई मुद्दों के हल के साथ बदली राजनीतिक परिस्थितियों का असर भाजपा के संकल्प पत्र पर साफ दिखाई देता है। इस बार के घोषणापत्र में राममंदिर की जगह रामायण उत्सव तो राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) की जगह अफस्पा ने ले ली है। अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण की जगह भाषाई अल्पसंख्यकों के भाषाओं के संरक्षण ने ले ली है। इसी प्रकार किसानों की आय दोगुना करने के वादे की जगह इस बार किसानों के सशक्तीकरण, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की जगह अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद राज्य में आए बदलाव ने ले ली है। पार्टी ने इस बार नई योजना लागू करने का वादा करने की जगह पुरानी योजनाओं के विस्तार पर जोर दिया है। एक समानता यह है कि पार्टी ने इस बार भी लोकलुभावन योजनाओं से बीते चुनाव की तरह ही एक सुरक्षित दूरी बनाई है।

बीते चुनाव की बात करें तो घोषणापत्र में भाजपा ने अवैध घुसपैठ के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में सांस्कृतिक और भाषाई पहचान पर गंभीर संकट का जिक्र करते हुए एनआरसी को लागू करने का वादा किया था। इस बार एनआरसी का जिक्र नहीं है। इसकी जगह पूर्वोत्तर में आई शांति के कारण चरणबद्ध तरीके से अफस्पा हटाने की बात कही गई है।

Popular Articles