Thursday, September 11, 2025

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Maratha Reservation: ‘जरांगे चिंगारी थे, शरद-उद्धव ने ज्वालामुखी बना दिया’; भूख हड़ताल को लेकर बिफरे OBC नेता

मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गहराता जा रहा है। ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेताओं ने रविवार को मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी और सीधे तौर पर शरद पवार तथा उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाए। उनका कहना है कि “जरांगे पेट्रोल की एक छोटी सी चिंगारी थे, लेकिन शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने इस चिंगारी को ज्वालामुखी बना दिया।”

दरअसल, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि मराठा समाज को तत्काल आरक्षण दिया जाए। आंदोलन के बढ़ते दबाव के बीच ओबीसी नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। उनका कहना है कि जरांगे के आंदोलन का इस्तेमाल विपक्षी दल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं, जिससे समाज में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

ओबीसी नेताओं ने चेतावनी दी कि मराठा समाज को आरक्षण देने के नाम पर ओबीसी की हिस्सेदारी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “आरक्षण एक संवैधानिक व्यवस्था है, जिसे राजनीतिक दबाव और आंदोलन के जरिए प्रभावित नहीं किया जा सकता। अगर किसी भी तरह से ओबीसी के अधिकारों पर आंच आई तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले लेगा।”

राजनीतिक गलियारों में इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। भाजपा और महायुति सरकार पर भी विपक्ष लगातार दबाव बना रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि वह आरक्षण के मुद्दे पर संवैधानिक और कानूनी दायरे में रहकर ही निर्णय लेगी।

इधर, जरांगे के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में समर्थक जुटे हैं, जिससे स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। पहले भी अदालत ने कई बार सरकार के फैसलों को खारिज किया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस बार समाधान के लिए कौन सा रास्ता अपनाती है।

 

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