देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) को हाल ही में हुए भारी उड़ान व्यवधान की कीमत अब भारी भरकम मुआवजे के रूप में चुकानी पड़ेगी। एयरलाइन ने घोषणा की है कि वह 500 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा प्रभावित यात्रियों को देगी। यह राशि रिफंड से अलग होगी और उन यात्रियों को दी जाएगी, जिन्हें उड़ान रद्द होने या लंबे समय तक देरी का सामना करना पड़ा।
दरअसल, खराब पायलट रोस्टर प्लानिंग और परिचालन प्रबंधन में खामियों के कारण इंडिगो को एक सप्ताह से अधिक समय तक भारी अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। इस दौरान एयरलाइन की 4,500 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि सैकड़ों उड़ानें घंटों की देरी से संचालित हुईं। इसका सीधा असर हजारों यात्रियों पर पड़ा, जिन्हें एयरपोर्ट पर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा और कई यात्रियों की यात्रा योजनाएं पूरी तरह बिगड़ गईं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो पर सख्त रुख अपनाया। नियामक संस्था ने एयरलाइन की शीतकालीन उड़ानों में 10 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया, ताकि परिचालन स्थिरता बहाल की जा सके और भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचा जा सके।
इसके अलावा, दिल्ली हाईकोर्ट ने भी यात्रियों को हुई असुविधा को गंभीरता से लेते हुए इंडिगो को मुआवजा देने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एयरलाइन ने घोषणा की कि वह प्रभावित यात्रियों को मुआवजे के साथ-साथ ट्रैवल वाउचर भी देगी। पहले ही इंडिगो ने 10,000 रुपये के वाउचर देने की घोषणा की थी, जिन्हें यात्री एक वर्ष के भीतर किसी भी इंडिगो फ्लाइट की टिकट बुकिंग में इस्तेमाल कर सकेंगे।
एयरलाइन ने यह भी कहा है कि जनवरी माह में उन सभी यात्रियों से संपर्क किया जाएगा, जिनकी उड़ानें निर्धारित समय से 24 घंटे के भीतर रद्द हुई थीं या जिन्हें एयरपोर्ट पर कई घंटों तक फंसे रहना पड़ा। इंडिगो का दावा है कि उसने अब अपनी परिचालन व्यवस्था को काफी हद तक स्थिर कर लिया है और अधिकांश उड़ानें तय समय पर संचालित हो रही हैं।
इस पूरे घटनाक्रम को भारतीय विमानन इतिहास की सबसे बड़ी परिचालन विफलताओं में से एक माना जा रहा है, जिसने न केवल यात्रियों का भरोसा हिलाया बल्कि एयरलाइन प्रबंधन और नियामक निगरानी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।





